Advertisement

कल मिथुन का दिखेगा "कोबरा" कमाल? , भाजपा ने ममता के खिलाफ खेला है बड़ा दांव

पश्चिम बंगाल में अब सबकी निगाहें 2 मई को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। भाजपा व तृणमूल कांग्रेस दोनों ही...
कल मिथुन का दिखेगा

पश्चिम बंगाल में अब सबकी निगाहें 2 मई को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। भाजपा व तृणमूल कांग्रेस दोनों ही सरकार बनाने के आसपास हैं लेकिन जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा इसे लेकर अनुमान और अटकलें जारी हैं। कभी टीएमसी के राज्यसभा सदस्य रहे फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने चुनाव के दौरान बीजेपी का दामन साधा था तब बड़े कयास लगाए जा रहे थे कि मिथुन बीजेपी के लिए संजीवनी साबित होंगे लेकिन अब चुनाव नतीजों से पता चलेगा कि बीजेपी के लिए मिथुन का दांव कितनी कारगर रहा।

बीजेपी में शामिल होने के दौरान मिथुन ने खुद को कोबरा कहा था। उन्होंने कहा था कि मैं असली कोबरा हूं। डसूंगा तो तुम फोटो बन जाओगे। मैं जोलधरा सांप नहीं हूं, बेलेबोरा सांप भी नहीं, मैं कोबरा हूं। एक ही बार में काम तमाम कर दूंगा। लेकिन कल नतीजे उनका कोबरा कमाल भी दिखेगा।

मिथुन चक्रवर्ती अपने फिल्मी करियर में कई बार राजनेता की भूमिका निभा चुके हैं। फिर से रियल लाइफ में राजनीति में सक्रिय होने की उनकी भूमिका को लेकर कई सवाल भी खड़े हुए। हालाकि करीब पांच साल से सक्रिय राजनीति से दूरी बना चुके थे। सवाल यह भी था कि फिर से पार्टी बदल कर कम बैक क्यों किया? संभावनाएं यह भी थी कि बीजेपी की ओर से मिथुन चक्रवर्ती को पार्टी में खास जगह मिल सकती है।

2011 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने पहली बार भारी बहुमत से राज्य में अपनी सत्ता कायम की थी। तब ममता ने मिथुन को टीएमसी की ओर से राज्यसभा सदस्य बनने का न्योता दिया था। दिलचस्प बात है कि मिथुन हमेशा सीपीएम नेता और पूर्व खेल मंत्री दिवंगत सुभाष चक्रवर्ती के नजदीकी थे। हालांकि उन्होंने ममता दीदी के न्योते के बाद ही राजनीति जगत में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्हें राजनीति में लाने का पूरा श्रेय ममता बनर्जी को ही जाता है।लेकिन मिथुन चक्रवर्ती ने 2016 में राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे की वजह उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से पिछले दो सत्रों से सदन की बैठक में शामिल नहीं हो पाने की बताई थी। तब उनके डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी था।

भाजपा ने जिस तरह बीते पांच साल में तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगा कर बार-बार कई झटके दिए हैं, वह नतीजे आने के बाद भी जारी रह सकते हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि किसके पक्ष में कितनी सीटें आती हैं। इस बीच नतीजों से यह भी तय होगा कि मिथुन चक्रवर्ती का बीजेपी में शामिल होना कितना फायदेमंद रहा या फिर यह महज दिखावा ही रहा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad