इससे पहले पर्रिकर ने कल 21 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था। पर्रिकर ने 2012 के गोवा चुनाव में विजय दिलाई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर नौ नवंबर, 2014 को रक्षा मंत्री का पद संभाला था।
पर्रिकर ने कहा, शुरुआती तौर पर रक्षा मंत्री की भूमिका में मुझे दिक्कत हुई लेकिन पिछले ढाई साल में मैंने अपना काम अच्छे से किया। मैंने इसे पूरी ईमानदारी से किया। उन्होंने कहा, रक्षा मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है जहां हमेशा मंत्री के खिलाफ आरोप लगते हैं, लेकिन ढाई साल में बहुत सारी खरीद के बावजूद मंत्रालय या मेरे खिलाफ एक आरोप नहीं लगा।
पर्रिकर ने कहा, अगर मैं रक्षा मंत्री के तौर पर अपनी उपलब्धियों का मूल्यांकन करता हूं तो मैं कह सकता हूं कि मैंने बलों के मनोबल को ऊंचा करने और अच्छी खरीद की दिशा में काम किया है।
पर्रिकर कल गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। पर्रिकर ने आज पीटीआई भाषा से कहा, मैंने रक्षा मंत्री के तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया है। मैं (गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर) कल शाम कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ लूंगा।
यह पूछे जाने पर कि कितने मंत्री शपथ लेंगे पर्रिकर ने कहा, मंत्रियों की संख्या और अन्य मुद्दों पर फैसले पर फिलहाल विचार किया जा रहा है। एक बार कैबिनेट को अंतिम रूप दे दिया जाए फिर हम मीडिया को जानकारी देंगे।
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने तटीय राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए पर्रिकर को आमंत्रित किया है। इससे पहले पर्रिकर ने कल 21 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायक, एमजीपी के तीन विधायक और दो निर्दलीयों ने पर्रिकर को समर्थन देने का एलान किया था।
भाजपा राज्य की 40 विधानसभा क्षेत्रों में 13 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही जबकि कांग्रेस ने 17 सीटें जीती हैं। बहरहाल, भाजपा पर्रिकर के नेतृत्व में अन्य पार्टियों और निर्दलीय का समर्थन हासिल करके संख्याबल जुटाने में कामयाब रही।