पंजाब में इस बार किसे बहुमत मिलेगा, इसकी तस्वीर तो 10 मार्च को साफ हो जाएगी। लेकिन इससे पहले अलग-अलग एजेंसियों ने पंजाब चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के नतीजे बताना शुरू कर दिया है। टाइम्स नाउ-वीटो एबीपी सी-वोटर और इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के अनुमानों में पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ी पार्टी के तौर पर बताया है और इस बार आप की सरकार बन सकती है। एग्जिट पोल में कांग्रेस के सत्ता में दोबारा वापसी करने की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है।
एबीपी सी-वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक आप को 51 से 61 सीट मिल सकती है। कांग्रेस 22 से 28 सीट के साथ दसरे नंबर पर रह सकती है। शिरोमणि अकाली दल 20 से 26 सीटें और. बीजेपी की अगुवाई वाला गठबंधन 7 से 13 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में तीन से सात सीटें सकती हैं।
टाइम्स नाउ- वीटो के एग्जिट पोल के मुताबिक, आप को 70 सीटों पर जीत का अनुमान जताया गया है। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस और अकाली दल में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। कांग्रेस को 22 और अकाली दल को 19 सीटों का अनुमान है। इसके अलावा बीजेपी और कैप्टन के गठबंधन को 5 सीटें और अन्य को 1 सीट मिलने का दावा किया गया है।
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में इस बार आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने का अनुमान है। आपP को प्रदेश में 76 से 90 सीटें मिल सकती हैं.जबकि कांग्रेस को 19 से 31 सीटें मिलने का अनुमान ह। वहीं भाजपा के खाते में सिर्फ 1-4 सीटें आने का अनुमान है।
कांग्रेस के सीएम पद के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी ने एग्जिट पोल आने के बाद कहा कि अंतिम निर्णय देखने के लिए बक्सों को खुलने दें, इसका इंतजार करें।
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के बाहर के एक और राज्य यानी पंजाब ने केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव कई मुद्दों पर होता है। हमने पंजाब में देखा कि वहां लोगों के मन में बदलाव का मूड था।
2017 के चुनाव में पंजाब में कांग्रेस ने बाजी मारी थी। पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला था और कैप्टन अमरिंदर मुख्यमंत्री चुने गए थे। इस बार पंजाब में काफी दिलचस्प मुकाबला हुआ है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बीजेपी- पंजाब लोक कांग्रेस और अकाली दल-बीएसपी गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली है। वहीं किसान संगठन के रूप में संयुक्त समाज मोर्चा ने भी कई सीटों पर चुनाव लड़ा है। इस बार पिछले साल से 5 फीसदी कम वोटिंग हुई है। 2017 के चुनाव में पंजाब में 77.20 फीसदी वोट पड़े थे जबकि इस बार 71.95 फीसदी पर मतदान खत्म हुआ है। दोआबा और माझा क्षेत्र में वोटिंग कम हुई है जबकि मालवा क्षेत्र में बंपर वोटिंग हुई।