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'चौकीदार चोर है' मामले पर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी, कहा- अब केस बंद कर दीजिए

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अवमानना मामले में बिना किसी शर्त के सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है।...
'चौकीदार चोर है' मामले पर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी, कहा- अब केस बंद कर दीजिए

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अवमानना मामले में बिना किसी शर्त के सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए उन्होंने गुहार लगाई है कि अब इस केस को बंद कर देना चाहिए। अब इस मामले पर दस मई को सुनवाई होगी।

चौकीदार चोर है बयान को लेकर राहुल ने तीसरी बार अपना हलफनामा दायर किया है। इससे पहले राहुल गांधी ने दो बार हलफनामे में केवल खेद जताया था लेकिन इस बार कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए मामले को खत्म करने की गुहार लगाई है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया 'चौकीदार चोर है'।

राहुल गांधी ने अपने तीन पेज के ताजा माफीनामे में कहा है कि कोर्ट का अपमान करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी, न ही उन्होंने जानबूझ कर ऐसा किया और न ही अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में वो किसी तरह की बाधा पहुंचाना चाहते थे। भूलवश उनसे ये गलती हो गई। लिहाजा इसके लिए वो क्षमा चाहते हैं। साथ ही राहुल ने ये भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस माफीनामे को स्वीकार कर केस को बंद करे। इससे पहले 22 अप्रैल को राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में अपने बयान को लेकर सिर्फ खेद व्यक्त किया था।

क्या है पूरा मामला

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पेश हुए दस्तावेजों की सत्यता स्वीकार की थी। जिसके बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चौकीदार ही चोर है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राफेल मामले में कोई न कोई भ्रष्टाचार जरूर हुआ है।"

नई दिल्ली से सांसद, भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने इस पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि हमने उन शब्दों का इस्तेमाल कभी नहीं किया जो राहुल गांधी ने कहा। यानी अदालत ने 'चौकीदार चोर है' वाक्य का इस्तेमाल नहीं किया।

केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस आपत्ति को खारिज कर दिया था, जिसमें गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका खारिज करने की मांग की गई थी।

कोर्ट ने कहा था कि गोपनीय दस्तावेज के आधार पर आगे पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। सरकार ने गोपनीय दस्तावेज के आधार पर पुनर्विचार याचिका खारिज करने की मांग की थी। 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की शुरुआती आपत्तियों (गोपनीयता, विशेषाधिकार, राष्ट्रीय सुरक्षा) पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

केंद्र सरकार की बिना मंजूरी के संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकॉपी की गई

इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल कर कहा था कि केंद्र सरकार की बिना मंजूरी के संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकॉपी की गई। इन दस्तावेजों की अनधिकृत फोटोकॉपी के जरिए की गई चोरी ने देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता और दूसरे देशों के साथ दोस्ताना रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है। केंद्र ने कहा था कि पुनर्विचार याचिका के साथ सलग्न दस्तावेज एयरक्राफ्ट की युद्ध क्षमता से जुड़े हैं। याचिकाकर्ताओं ने बेहद गोपीनाय जानकारी को लीक किया है।

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