राजस्थान पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जबकि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस को झटका लगा है। वह बीजेपी से पिछड़ गई है। अब तक 4049 पंचायत समिति सदस्यों के नतीजे घोषित किये गये हैं। इनमें से भाजपा ने अब तक 1,835 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस को 1718 सीटों पर कामयाबी मिली है। इसके अलावा 496 सीटों पर निर्दलीय और अन्य ने बाजी मारी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पंचायती राज चुनाव में बीजेपी को मिली बढ़त पर सतीश पूनिया ने राजस्थान की जनता और कार्यकर्ताओं की मेहनत को इसका श्रेय दिया। पूनिया ने कहा कि यह जीत ऐसे वक्त में हुई जब प्रधानमंत्री मोदी की किसानों के प्रति नीतियों को लेकर कांग्रेस भारत बंद करवा रही थी। पूनिया ने कहा कि इस जीत से कई नेताओं की दुकानें बंद हो गई। उन्होंने कहा कि यह जीत ऐसे समय में हुई जब राज्य में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं।
माना जा रहा है कि हनुमान बेनीवाल और निर्दलीयों ने भी कांग्रेस का खेल बिगाड़ा है। वहीं कांग्रेस के भीतर गुटबाजी ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। उल्लेखनीय है कि कई स्थानों पर निर्दलीय और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी की भूमिका रही है। वहीं अजमेर जिले की 11 पंचायत समिति में से 9 में भाजपा को बहुमत और कांग्रेस को सिर्फ 2 में ही बढ़त मिली। गौरतलब है कि सचिन पायलट अजमेर से 2014 तक सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री भी रहे थे। अजमेर से रघु शर्मा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री भी है। वर्तमान में कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से चुनावों पर असर पड़ा। परिणामों से लग रहा है कि कांग्रेस को नुकसान पूरे राजस्थान में उठाना पड़ा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी सचिन पायलट की उपेक्षा करना आसान नहीं रहेगा।
बता दें कि राजस्थान के 21 जिलों में 4371 पंचायत समिति सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था। जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के लिए चार चरणों में 23 नवंबर, 27 नवंबर, एक दिसंबर और पांच दिसंबर को मतदान हुआ था। इसी तरह प्रधान या प्रमुख का चुनाव 10 दिसंबर और उप प्रधान या उप प्रमुख के लिये 11 दिसंबर को चुनाव होंगे।