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भोपाल से टिकट मिलने के बाद बोलीं साध्वी प्रज्ञा, हम तैयार हैं, अब उसी कार्य में लग गई हूं

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह...
भोपाल से टिकट मिलने के बाद बोलीं साध्वी प्रज्ञा, हम तैयार हैं, अब उसी कार्य में लग गई हूं

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल सीट पर घेरने के लिए साध्वी प्रज्ञा पर दांव खेला है। भाजपा ने भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को चुनावी मैदान में उतारा है। साध्वी प्रज्ञा के नाम पर राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश स्तर तक सहमति के बाद यह फैसला लिया गया है।

भोपाल सीट से दिग्विजय सिंह के खिलाफ टिकट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा, हम तैयार हैं। अब उसी कार्य में लग गई हूं। बुधवार सुबह ही साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचकर आधिकारिक तौर पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।साध्वी को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता दिलाई। भाजपा में शामिल होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने ये भी कहा कि वह चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी भी। इस दौरान उन्होंने भाजपा नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, रामलाल और प्रभात झा समेत कई नेताओं से मुलाकात की।

भोपाल लोकसभा सीट पर लंबे समय से बीजेपी का कब्जा

भोपाल लोकसभा सीट पर करीब तीन दशक से भाजपा का कब्‍जा है। कांग्रेस नेता शंकर दयाल शर्मा, जो देश के राष्‍ट्रपति भी रहे ने 1984 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। 1989 से लेकर बीजेपी यहां से कभी नहीं हारी है। 1999 में उमा भारती यहां से जीतीं लेकिन मध्‍य प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनने के बाद उन्‍हें इस्‍तीफा देना पड़ा। वर्तमान में अशोक सांझर भोपाल से सांसद हैं।

कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आईं, जब 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वह 9 सालों तक जेल में रही थीं। फिलहाल अभी जमानत पर बाहर हैं। जेल से बाहर आने के बाद साध्वी ने कहा था कि उन्हें लगातार 23 दिनों तक यातना दी गई थी। साध्वी प्रज्ञा ने तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 'हिंदू आतंकवाद' का जुमला गढ़ा और इस नैरेटिव को सेट करने के लिए उन्हें झूठे केस में फंसाया।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रयागराज कुंभ के दौरान भारत भक्ति अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया है। प्रज्ञा ठाकुर अब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जानी जाती हैं।

आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं प्रज्ञा 

साध्वी प्रज्ञा 2007 के आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट प्रज्ञा का शुरुआत से ही दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ रुझान था। वह आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं।

 

 

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