पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तहत आज चौथे दौर के मतदान में पहले चार घंटे में करीब 42 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य के हावड़ा जिले और बिधान नगर समेत उत्तर 24 परगना जिले में 49 सीटों पर मतदान के लिए स्थापित किए गए 12,500 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया और लोगों को मतदान केंद्रों के सामने पंक्तिबद्ध खड़े देखा गया। मतदान शाम छह बजे तक चलेगा। सुबह 11 बजे तक उत्तरी 24 परगना जिले में 42.37 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले और हावड़ा जिले में इस अवधि में 41.25 प्रतिशत वोट पड़े। दोनों जिलों में 49 सीटों पर सुबह 11 बजे तक कुल 42.01 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मिली जानकारी के अनुसार मतदान अब तक शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। हालांकि हावड़ा जिले में भाजपा उम्मीदवार रूपा गांगुली ने सल्किया में चुनाव अधिकारी पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया।
यह चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें कई मंत्रियों के भाग्य का फैसला होगा जिनमें वित्त मंत्री अमित मित्रा, कृषि मंत्री पूर्णेंन्दु बसु, कानून मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, पर्यटन मंत्री ब्रात्य बसु, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक और कृषि विपणन मंत्री अरूप रॉय शामिल हैं। पूर्व मंत्री मदन मित्रा तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर अपनी कमारहटी सीट को बचाने में लगे हैं। उनके पास मत देने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह सारदा चिट फंड घोटाले में न्यायिक हिरासत में हैं। इनके अलावा इस चरण में तृणमूल के टिकट से बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली और राज्य की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान लक्ष्मी रतन शुक्ला भी चुनाव लड़ रहे है। शुक्ला के सामने अभिनेत्री से नेता बनीं रूपा गांगुली चुनौती हैं जो उत्तर हावड़ा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार हैं। तृणमूल ने फुटबॉलर दीपेंदु बिस्वास को दक्षिण बशीरहाट सीट से चुनाव में उम्मीदवार बनाया है जिनके सामने भाजपा के एकमात्र निवर्तमान विधायक शामिक भट्टाचार्य की चुनौती है। बिधाननगर के मेयर सब्यसाची दत्ता राजरहाट न्यू टाउन से चुनाव लड़ रहे हैं।
लगभग 1.08 करोड़ मतदाता 40 महिलाओं सहित 345 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। गर्मी से बचने के लिए मतदाताओं की कतारें 12,500 मतदान केंद्रों पर सुबह से ही दिखने लगी थीं। कोलकाता में कल का तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था जो सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा था और कई जिले पहले ही सख्त गर्मी की चपेट में हैं। निर्वाचन आयोग ने अभूतपूर्व सुरक्षा इंजताम किए हैं। केंद्रीय सशस्त्र बलों सहित करीब 90,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। विशेष कदमों में रात में गश्त और यहां तक कि इस चुनाव में पहली बार नदियों में गश्त करना भी शामिल है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित सॉल्ट लेक क्षेत्र (बिधाननगर) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केंद्रीय बलों की सहायता में राज्य पुलिस के 22,000 कर्मियों को लगाया गया है। कानून व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रखने के लिए आईएएस स्तर के पांच पुलिस पर्यवेक्षकों को दो जिलों में तैनात किया गया है। इसके अलावा, 1100 सचल निगरानी दस्ते अतिरिक्त निगरानी का काम करेंगे। पश्चिम बंगाल के छह चरणीय चुनाव के शेष दो चरणों का मतदान 30 अप्रैल और पांच मई को होगा। परिणाम 19 मई को घोषित किए जाएंगे।