Advertisement

मिल्कीपुर: मजबूत कैडर प्रबंधन और चतुराईपूर्ण प्रचार अभियान से चुनावी समीकरण भाजपा के पक्ष में गया

भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता...
मिल्कीपुर: मजबूत कैडर प्रबंधन और चतुराईपूर्ण प्रचार अभियान से चुनावी समीकरण भाजपा के पक्ष में गया

भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शनिवार को हुई शानदार जीत ने कई नये प्रतिमान गढ़े हैं।

भाजपा की जीत ने इस बात को रेखांकित किया कि जून 2024 में समाजवादी पार्टी (सपा) से फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर मिली शर्मनाक हार के आठ महीने के भीतर ही उसने (भाजपा ने) जमीनी स्तर पर मजबूत कैडर प्रबंधन और चतुराईपूर्ण प्रचार अभियान के साथ चुनावी समीकरण को अपने पक्ष में कर लिया।
 
इस जीत के बाद भाजपा के उत्साही कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाते हुए नारे लगाए कि “अयोध्या का बदला ले लिया।” साथ ही, अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही जैसे भाजपा के दिग्गज नेताओं ने भी इस बड़ी जीत को 2024 की करारी हार के बाद लोगों द्वारा स्वप्रेरित सुधार के रूप में पेश किया।
 
लोकसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट जीतकर भाजपा के तत्कालीन सांसद लल्लू सिंह को हैट्रिक लगाने से रोक दिया। इसका देशव्यापी असर हुआ।

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान (38) ने अवधेश प्रसाद के बेटे और समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद (42) को 61,710 मतों से हराया। भाजपा और सपा दोनों ने ही उपचुनाव में क्षेत्र की एक प्रमुख दलित उपजाति पासी को उम्मीदवार बनाया था।

वैसे भी फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में मिली हार की भरपाई के लिए भाजपा बेताब थी। यह स्पष्ट था कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बमुश्किल पांच महीने बाद ही एक गढ़ खोने के मनोवैज्ञानिक झटके के अलावा, पार्टी विपक्ष के इस आरोप को भी कुंद करना चाहती थी कि भाजपा एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण खत्म करना चाहती है।

यह आरोप 2024 के चुनावी विमर्श का एक प्रमुख हिस्सा था, जिसे फैजाबाद के पूर्व भाजपा सांसद लल्लू सिंह जैसे स्थानीय नेताओं के लीक हुए वीडियो ने भी हवा दी थी और यही कारण है कि विधानसभा उपचुनाव और दिल्ली चुनाव से पहले, भाजपा ने ‘संविधान गौरव सम्मान’ पहल की, जिसके तहत उसने समुदाय से आशंकाओं को दूर करने के लिए संपर्क किया और संविधान की प्रतियां वितरित कीं।

भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के सचिव अभिजात मिश्रा ने ‘पीटीआई-’ को बताया, "हमने समुदाय के सदस्यों को घर-घर जाकर सम्मानित किया और उन्हें संविधान की एक प्रति भेंट की, जो हमारे नेतृत्व की उनके प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। दलितों और ओबीसी (अन्‍य पिछड़ा वर्ग) को एहसास हो गया है कि 2024 में उन्हें धोखा दिया गया था और हमारी पार्टी की बड़ी जीत ने इस बात को साबित कर दिया है।"

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad