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मुश्किल में सांसद जयंत सिन्हा, बीजेपी ने भेजा नोटिस, ये है मामला

भारतीय जनता पार्टी ने बीते सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस भेज दिया।...
मुश्किल में सांसद जयंत सिन्हा, बीजेपी ने भेजा नोटिस, ये है मामला

भारतीय जनता पार्टी ने बीते सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस भेज दिया। झारखंड के हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जयसवाल को टिकट मिलने के बाद सिन्हा ने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया। नोटिस के अनुसार, सोमवार को हुए मतदान में सिन्हा ने अपने मत का प्रयोग भी नहीं किया। पार्टी ने सिन्हा से दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। 

आपको बता दें कि सिन्हा को झारखंड के राज्य महासचिव आदित्य साहू ने नोटिस भेजा है। कारण बताओ नोटिस में साहू ने लिखा, “जब से पार्टी ने मनीष जयसवाल को हजारीबाग लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है, तब से आप संगठनात्मक कार्यों और चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। आपने अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके कारण पार्टी की छवि खराब हुई है।“ साहू के अनुसार, इस मामले को लेकर आगे की कार्रवाई का फैसला सिन्हा के जवाब पर निर्भर करता है।  

इससे पहले मार्च में, तृणमूल कांग्रेस नेता यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया था कि उन्हें प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने किया जाए, जिससे यह समझा गया कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। जयंत सिन्हा के मुताबिक, वह थोड़ा रुकना चाहते थे ताकि वह ग्लोबल क्लाइमेट चेंज से निपटने को लेकर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।

2 मार्च को सिन्हा ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए लिखा, “मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा से मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है ताकि मैं भारत और दुनिया भर में ग्लोबल क्लाइमेट चेंज से निपटने को लेकर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। बेशक, मैं आर्थिक और शासन के मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा, मुझे पिछले दस वर्षों से भारत और हजारीबाग के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है।”

आपको बता दें कि सिन्हा, झारखंड के हजारीबाग से मौजूदा सांसद हैं। इससे पहले, सिन्हा ने 2014 और 2019 तक भारत के मंत्रिपरिषद के अलावा वित्त राज्य मंत्री और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। सिन्हा को ‘उड़ान’ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना की शुरूआत करने के लिए भी जाना जाता है जिसके कारण तीन वर्षों में भारत में परिचालन हवाई अड्डों की संख्या में 50 प्रतिशत का विस्तार आया था।

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