भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा दिल्ली के विभिन्न सरकारी संस्थानों में की गई 177 मनोनयन नियुक्तियों को रद्द कर दिया। इनमें वर्तमान एवं पूर्व विधायक, पदाधिकारी और अन्य राजनीतिक रूप से जुड़े सदस्य शामिल थे।
भाजपा सरकार के इस फैसले से आप द्वारा दिल्ली जल बोर्ड, पशु कल्याण बोर्ड, दिल्ली हज समिति, तीर्थयात्रा विकास समिति, उर्स समिति, हिंदी अकादमी, उर्दू अकादमी, साहित्य कला परिषद, पंजाबी अकादमी और संस्कृत अकादमी जैसे 17 संवैधानिक निकायों में की गई सभी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया है।
2024 में AAP सरकार ने कई प्रमुख पदों पर अपने नेताओं और उनसे जुड़े लोगों की नियुक्तियां की थीं। इनमें विधायक पवन राणा को दिल्ली जल बोर्ड का अध्यक्ष विनय मिश्रा को उपाध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री जितेंद्र तोमर की पत्नी प्रीति तोमर को सदस्य बनाया गया था। इसके अलावा पूर्व विधायक अब्दुल रहमान और हाजी यूनुस को हज समिति का सदस्य, विधायक जरनैल सिंह को पंजाबी अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कृषि विपणन बोर्ड में भी पूर्व विधायक अजेश यादव को अध्यक्ष और आदिल अहमद खान को उपाध्यक्ष बनाया गया था।
भाजपा सरकार के अनुसार, ये सभी नियुक्तियां "राजनीतिक लाभ" के उद्देश्य से की गई थीं और जनता के हितों की अनदेखी कर रही थीं। दिल्ली सरकार के सूत्रों से पता चला कि यह कदम उन राजनीतिक प्रभावों को समाप्त करने के लिए उठाया गया है जो पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों के जरिए संस्थानों पर छाए हुए थे।
वहीं, 8 अप्रैल को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने निर्वाचन क्षेत्र शालीमार बाग में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि "झुग्गीवासियों के लिए अच्छे दिन शुरू हो गए हैं"। उन्होंने बताया कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) में 700 करोड़ रुपये की राशि झुग्गीवासियों के कल्याण के लिए आवंटित की गई है। साथ ही, 10 साल पहले बनाए गए 52,000 फ्लैटों का अब नवीनीकरण कर उन्हें गरीबों को सौंपा जाएगा।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने पूर्व सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने झुग्गीवासियों को केवल वादे दिए, जबकि भाजपा सरकार धरातल पर काम कर रही है और पानी, पार्क और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कर रही है।