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दिल्ली दंगों पर फैक्टफाइंडिंग रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने कहा- न्यायिक जांच कराई जाए, गृह मंत्री इस्तीफा दें

कांग्रेस ने दिल्ली में हुए दंगों की स्वतंत्र न्यायिक जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग की है।...
दिल्ली दंगों पर फैक्टफाइंडिंग रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने कहा- न्यायिक जांच कराई जाए, गृह मंत्री इस्तीफा दें

कांग्रेस ने दिल्ली में हुए दंगों की स्वतंत्र न्यायिक जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग की है। कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से तत्काल इस्तीफा देने और कथित भड़काऊ बयान देने के लिए भाजपा नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करने की भी मांग की है।

कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा है कि प्रतीत होता है मोदी सरकार राज धर्म निभाने और दिल्ली में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षा देने में विफल रही क्योंकि पुलिस अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही। उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए जिससे यह दंगों के कारणों का पता लग सके और कर्तव्यपालन में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो सके।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा मामले की जांच के लिए कांग्रेस की ओर से गठित पांच सदस्यीय टीम सोमवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी थी। सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किए गए हैं। मुकुल वासनिक और इस टीम में शामिल अन्य नेताओं ने सोनिया गांधी से मिलकर उन्हें रिपोर्ट सौंपी। इस टीम ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों का दौरा करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की।

 कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम में ये लोग हैं शामिल

गौरतलब है कि कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों का दौरा करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। इस टीम में मुकुल वासनिक, शक्ति सिंह गोहिल, कुमारी शैलजा, तारिक अनवर और सुष्मिता देव शामिल हैं।

दिल्ली हिंसा में जा चुकी है अब तक 53 लोगों की जान

बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 53 लोगों की जान जा चुकी है और अब भी 100 से अधिक विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जिसका इलाज चल रहा है। वहीं, हिंसा मामले में अब तक 702 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने हिंसा से जुड़े मामलों में अब तक 2,387 लोगों को हिरासत में लिया है तो 100 से अधिक की गिरफ्तारी भी की गई है, जबकि आर्म्स आक्ट के तहत 49 मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक 283 से अधिक अमन समिति की बैठकें हो चुकी हैं।

 

सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर साधा था निशाना

 

इससे पहले दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोनिया गांधी ने दिल्ली में फैली हिंसा के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया और उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग की थी।  

 

सोनिया गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की समय पर कार्रवाई नहीं करने से 20 लोगों की जान चली गई। एक पुलिसकर्मी की भी जान गई। कांग्रेस कार्यसमिति सभी पीड़ितों के परिवारों के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हैं। उन्होंने कहा था कि पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस समिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार खासतौर पर गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। सोनिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार भी शांति बनाए रखने में असफल साबित हुई। दोनों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली इस त्रासदी का शिकार हुई।

 

अमित शाह पर सोनिया गांधी ने किया था तीखा वार

 

पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के निशाने पर सीधे तौर पर अमित शाह रहे। सोनिया गांधी ने कहा था कि दिल्ली में हुई हिंसा के लिए केंद्र सरकार, खास तौर से गृह मंत्री जिम्मेदार हैं। फौरन तौर से गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार भी शांति सदभाव बनाए रखने में विफल हैं। दोनों सरकारों की जिम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण देश की राजधानी में ऐसे हालात बने हैं।'

 

प्रियंका गांधी ने की थी अपील- हिंसा न करें, सावधानी बरतें

 

दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सीएए को लेकर हो रही हिंसा पर प्रियंका गांधी ने दिल्ली के लोगों से अपील की थी कि वे किसी भी प्रकार कि हिंसा न करें, सावधानी बरतें और शांति बनाए रखें। उन्होंने बताया कि हमने उत्तर प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि हिंसा फैलने पर वे शांति बनाए रखें।

 

कांग्रेस की थी आपात बैठक

 

इससे पहले सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में हो रही हिंसा और जानमाल के नुकसान और हर रोज बिगड़ती व्यवस्था पर कांग्रेस ने आपात बैठक की थी। इसके बाद मोदी सरकार को राजधर्म याद दिलाने के लिए प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सभी नेता राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च करने की योजना थी, जिसे बाद में बदल दिया गया था।

 

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