मध्यप्रदेश में एक बार फिर सियासी उठापटक शुरू हो गई है। आधी रात को कांग्रेस ने भाजपा पर उसके और बसपा के विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करना चाहती है। हालांकि भाजपा ने इसका खंडन करते हुए इसे कांग्रेस का आंतरिक मामला करार दिया है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच रातभर विधायकों की खींचतान का हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा चला। देर रात तक चले इस उठापटक में कांग्रेस नेताओं ने बसपा विधायक रामाबाई को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे। वहीं कहा जा रहा है कि बाकी के विधायक अभी भी होटल में ही मौजूद हैं।
दरअसल, मंगलवार की सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह बसपा के विधायक रमाबाई को अपने साथ चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली लाए हैं। हालांकि, रमाबाई के पति गोविंद ने इसका खंडन करते हुए कहा कि रमाबाई अपनी बेटी से मिलने के लिए दिल्ली गई हैं। शाम को खबर आई कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिल्ली पहुंच गए हैं।
होटल में विधायकों के होने की मिली थी सूचना
इसके बाद देर रात सूचना मिली कि भाजपा ने बसपा विधायक रमाबाई, कुछ कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में रखा है। इसके बाद भोपाल से कांग्रेस के मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन को दिल्ली के लिए रवाना किया गया। पटवारी ने बताया कि उनके होटल पहुचने से पहले ही सभी विधायकों को कहीं और भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि केवल रमाबाई ही होटल के बाहर मिलीं। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, जिन आठ विधायकों को हरियाणा ले जाया गया, उनमें से चार कांग्रेस के हैं, एक निर्दलीय है, जबकि बाकी के लोग बसपा और सपा से हैं।
दिग्विजय सिंह ने लगाए आरोप
इस घटनाक्रम के दौरान दिग्विजय सिंह दिल्ली में ही मौजूद थे। खबर मिलने पर वह भी होटल पहुंचे थे। उन्होंने कहा, “जब हमें पता चला तो जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह वहां (होटल) गए थे। जिन लोगों से हम संपर्क कर सके हैं वह हमारे साथ वापस आने के लिए तैयार हैं। हम बिसाहूलाल सिंह और रामबाई से संपर्क कर पाए हैं। रमाबाई वापस आ गई हैं, हालांकि भाजपा ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।”
‘अब उनके पास केवल चार विधायक’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया और संजय पाठक उन्हें रुपये देने जा रहे थे। यदि वहां छापा पड़ता तो वह पकड़े जाते। हमें लगता है कि वहां 10-11 विधायक थे, अब उनके साथ केवल चार विधायक हैं, वो भी हमारे पास वापस लौट आएंगे।
शिवराज सत्ता के भूखे: पटवारी
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, 'शिवराज सत्ता के भूखे हैं। वह आपके पीठ पीछे षडयंत्र करते हैं। उनकी चाल सफल नहीं होगी। हम लगातार उन विधायकों के संपर्क में हैं। मैं भी उनके साथ उसी होटल में ठहरा हुआ हूं। बीएसपी विधायक रामबाई मेरे साथ ही बैठी हैं।'
कमलनाथ बोले- मेरी सरकार को नहीं खतरा
इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "हालात नियंत्रण में हैं। ऐसा कुछ नहीं है। विधायक वापस आ जाएंगे।" मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार सुबह दावा किया था कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है और इस बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने हालांकि यह जरूर कहा कि भाजपा की ओर से उनके नेताओं को खरीदने का प्रयास चल रही है। उन्होंने पत्रकारों से कहा था, 'विधायकों ने मुझे बताया कि उन्हें काफी धनराशि देने का प्रस्ताव मिला है। मैंने विधायकों से कहा है कि अगर मुफ्त में यह पैसा मिल रहा है तो वे इसे ले लें।'
भाजपा ने किया खंडन, कहा-कांग्रेस में आतंरिक कलह
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता पर गलत बयान देने और सनसनीखेज आरोप लगाने का आरोप लगाया। भाजपा के उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि लोग कांग्रेस के दिग्गज नेता को गंभीरता से नहीं लेते।वहीं इस पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, 'भाजपा का इस पूरे मामले में कोई लेना देना नहीं है। वास्तव में ये सब अटकलें और आरोप कांग्रेस की आतंरिक कलह का हिस्सा हैं जो सब आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर हो रहा है।'