प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को हिंदुत्व के प्रतीक वीर सावरकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र उनके अदम्य साहस और संघर्ष की गाथा को कभी नहीं भूल सकता।
"भारत माता" के सच्चे सपूत के रूप में उनकी प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि औपनिवेशिक ब्रिटिश सत्ता की कठोरतम यातनाएं भी मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण को कम नहीं कर सकीं और उनका बलिदान तथा प्रतिबद्धता एक विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रकाश स्तंभ का काम करेगी।
1883 में महाराष्ट्र में जन्मे सावरकर, अत्यंत कठोर परिस्थितियों में अंडमान द्वीप समूह में कारावास से पहले, ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए क्रांतिकारी तरीकों के समर्थक थे।
हिंदू राष्ट्रवादियों के नायक, उन्हें हिंदुत्व के राजनीतिक ढांचे को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है और वे एक विपुल लेखक और कवि थे।
हिंदुत्व की वकालत के लिए कांग्रेस जैसे धर्मनिरपेक्ष दलों द्वारा आलोचना किए जाने के बावजूद सावरकर सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक आदरणीय व्यक्ति रहे हैं।