पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा है कि आम चुनाव के ठीक पहले चुनावी बॉण्ड योजना को खत्म करने से काले धन की भूमिका बढ़ जाएगी। अपनी पुस्तक ‘ए डेमोक्रेसी इन रिट्रीट: रीविजिटिंग द एंड्स ऑफ पावर' पर एक परिचर्चा के दौरान कुमार ने यह भी दावा किया कि भारत में लोकतंत्र कमजोर पड़ रहा है और इसे इसकी संस्थाओं द्वारा नहीं, बल्कि लोगों द्वारा ही बचाया जाएगा।
हाल में समाप्त की गई चुनावी बॉण्ड योजना पर टिप्पणी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालांकि इसके बारे में काफी चर्चा की गई है और अदालत के फैसले की सराहना की गई है, लेकिन उस फैसले के प्रभावों पर विचार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि योजना का संवैधानिक उद्देश्य चुनाव के वित्तपोषण में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
कुमार ने कहा, ‘‘आम चुनाव के ठीक पहले उच्चतम न्यायालय के फैसले का नतीजा यह है कि काले धन की भूमिका बढ़ गई है और सत्ताधारी दलों, चाहे केंद्र या राज्य में कोई भी सत्ता में हो, को इसका लाभ मिलेगा। इस बारे में किसी ने विचार नहीं किया है।''