लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थिति खराब है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। वहीं कांग्रेस नेता ने इस संबंध में भाजपा की गंभीरता पर भी सवाल उठाए।
चौधरी ने कहा, "राज्य के भाजपा नेता पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की दलील दे रहे हैं। यदि स्थिति ऐसी होती है, तो निश्चित रूप से राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। लेकिन हमारा सवाल यह है कि भाजपा के नेता इस मुद्दे को लेकर उतने ही गंभीर हैं जितना कि वे दिखाई देते हैं।"
‘क्या मोदी और ममता के बीच कोई समझौता हुआ है?’
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद पोंजी घोटाले की जांच धीमी हो गई है। क्या पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच कोई समझौता हुआ है? राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा नेताओं की गंभीरता के बारे में संदेह है?"
आरएसएस नेता कर रहे हैं राष्ट्रपति शासन की मांग
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुर्शिदाबाद जिले में अपने एक कार्यकर्ता उसकी पत्नी और बच्चे की नृशंस हत्या को लेकर सीएम बनर्जी को निशाने पर ले रहा है। आरएसएस नेताओं ने केंद्र से विचार करने के लिए कहा कि क्या राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का समय आ गया है या नहीं?
आरएसएस के वरिष्ठ नेता और विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, "ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में कोई कानून व्यवस्था नहीं है। वे अपने विरोधियों के साथ बर्बरता, लूट, बलात्कार और हत्या का एकमात्र तरीका मानते हैं।"
उन्होंने कहा, " केंद्र सरकार के पास यह विचार करने का समय है कि क्या पश्चिम बंगाल में शासन भारतीय संविधान के अनुसार चल सकता है या राष्ट्रपति शासन लागू करने का विचार करने का समय आ गया है।"
आरएसएस नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता आने वाले विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को करारा जवाब देगी।
क्या है मामला?
आरएसएस कार्यकर्ता, उनकी पत्नी और एक बच्चा बुधवार को उनके आवास पर मृत पाए गए। आरएसएस के पश्चिम बंगाल के सचिव जिष्णु बसु के अनुसार, कार्यकर्ता संगठन की 'साप्ताहिक बैठक' से जुड़ा था।