कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाये जाने के बाद कहा था कि उनके (प्रियंका) आने से उत्तर प्रदेश में एक नये तरीके की सोच आएगी और राजनीति में 'सकारात्मक' बदलाव आएगा। राहुल की ये बातें कहां तक सच साबित होती है यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन कांग्रेस पार्टी के चुनावी अभियान में प्रियंका ने जरूर तब्दीली ला दी है। खासतौर पर यूपी में कांग्रेस पार्टी आम आदमी को साधने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। नौका से गंगा यात्रा के बाद अब प्रियंका रेल यात्रा करने जा रही हैं।
प्रियंका गांधी 27 मार्च को दिल्ली से फैजाबाद के बीच रेल यात्रा करेंगी। इस यात्रा के दौरान बीच में आने वाले सभी सीटों पर लोगों से बातचीत करेंगी। चुनाव में मतदाताओं से संपर्क के लिए इससे पहले प्रियंका ने प्रयागराज से वाराणसी के बीच नौका यात्रा की थी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव राजेन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक, 'प्रियंका दिल्ली से कैफियत एक्सप्रेस से फैजाबाद के लिये रवाना होंगी। ट्रेन के सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर यहां पहुंचने की उम्मीद है।' सिंह ने कहा, 'फैजाबाद रेलवे स्टेशन के नजदीक थोड़ी देर होटल में रुकने के बाद वह सुबह 10 बजे अयोध्या में रोड शो करेंगी। लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद रोड शो कुमारगंज में समाप्त होगा।' साथ ही उन्होंने कहा, 'रोड शो में 32 पड़ाव होंगे। प्रियंका स्थानीय लोगों से मिलेंगी और फैजाबाद में दो जनसभाओं को भी संबोधित करेंगी। वह एक स्थानीय स्कूल में बच्चों से भी मिलेंगी।'
आखिर क्या वजह है जो प्रियंका रैलियों और रोड शो से ज्यादा ऐसी यात्राओं पर ध्यान केन्द्रित कर रही हैं?
आम जनता से सीधा सम्पर्क
अमूमन रैलियों और जनसभाओं में नेता जनता से एकपक्षीय संवाद ही कर पाता है। ऐसे आयोजनों में भीड़ भी प्रायोजित होती है। जबकि गंगा यात्रा या रेल यात्रा एक तरह के सम्पर्क अभियान की तरह कार्य करती हैं। ऐसे अभियानों में आम लोगों से आम लोगों की तरह बातचीत की जा सकती है। जनता भी इससे जुड़ाव महसूस करती है। गंगा यात्रा के दौरान प्रियंका ने इस संवाद का भरपूर इस्तेमाल किया। लिहाजा अब वे जल मार्ग के बाद रेल मार्ग से जनता को साधना चाह रही हैं। इस बात की पुष्टि कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राज बब्बर भी करते हैं। उन्होंने गंगा यात्रा को लेकर कहा था कि इस यात्रा का मतलब एकतरफा मन की बात नहीं जनमानस से असली संवाद है।
सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर
माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे के जरिए चुनावी अभियान को रफ्तार देने में जुटी हैं। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत प्रयागराज के हनुमान मंदिर में और गंगा की पूजा के साथ की थी। इसके बाद विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी देवी का दर्शन किया। इसके बाद वारणसी में काशी विश्वनाथ में माथा टेका और दशाश्वमेध घाट गईं। इसे आगे बढ़ाते हुए अब प्रियंका भगवान राम की नगरी अयोध्या का दौरा करने जा रही हैं, जहां वो हनुमान गढ़ी जाएंगी।
पूर्वांचल के बाद मध्य यूपी पर नजर
कुछ दिन पहले ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाव के जरिए प्रयागराज से वाराणसी तक की यात्रा की थी। इस नाव यात्रा के जरिए प्रियंका ने आधा दर्जन लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश की। अब प्रियंका मध्य उत्तर प्रदेश को साधने की तैयारी कर रही हैं। मध्य उत्तर प्रदेश कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था और 2009 में कांग्रेस ने यहां पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। ये प्रदर्शन राज्य में कांग्रेस का सत्ता से बाहर होने के बाद का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। कांग्रेस ने यहां पर 2009 में 11 सीटें जीती थीं। मध्य यूपी में कानपुर नगर, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, मिश्रिख, हरदोई, लखनऊ, मोहनलालगंज, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, अकबरपुर, फैजाबाद, बाराबंकी कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीटें आती हैं।