पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली के चार दिवसीय दौरे पर हैं। वह तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुटी हैं और नई दिल्ली में कई पार्टियों के नेताओं से उनकी मुलाकात जारी हैं। विपक्षी नेताओं को साधने के बाद तीसरे दिन ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी के असंतुष्ट नेताओं से चर्चा की।
ममता बनर्जी ने भाजपा में हाशिए पर कर दिए गए असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा, 'बिहारी बाबू' शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी से मुलाकात की।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी को हमारा समर्थन है। हमने उनके साथ मिलकर वाजपेयी सरकार में काम किया था और हमें उन पर पूरा विश्वास है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी के व्यक्तित्व की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। हम उनके साथ हैं। यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है, बल्कि देश हित में उठाया गया कदम है। देश किसी भी पार्टी से ऊपर है और हम देश की रक्षा के संघर्ष में ममता के साथ हैं। हालांकि दोनों ही तीसरे मोर्चे के सवालों से बचते दिखाई पड़े लेकिन ममता की तारीफ करने में दोनों नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
अरुण शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार पर नियंत्रण खो चुके हैं और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सरकार की सभी नीतियां नाकाम साबित हो रही हैंय़। देश में निराशा का माहौल है और सरकार विकास, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने में नाकामयाब रही है। तीसरे मोर्चे के सवाल पर उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी पार्टियां एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खड़ा कर चुनौती दे सकती हैं।
Mamata Banerjee met Arun Shourie, Shatrughan Sinha and Yashwant Sinha in #Delhi; TMC MP Derek O'Brien also present. pic.twitter.com/4bo1L1Qys1
— ANI (@ANI) March 28, 2018
इसके अलावा वह उन पार्टियों को भी अपनी तरफ खींचने में लगी हैं जो एनडीए का हिस्सा थीं और अब उससे नाराज हैं। इसके तहत वे बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक, टीडीपी के नेता वाई एस चौधरी और टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव से मिल चुकी हैं। इसके अलावा उनकी मुलाकात यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी हो सकती है।
बता दें कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए ममता बनर्जी ने फेडरल फ्रंट खड़ा करने की बात कही है और इन्हीं कोशिशों के मद्देनजर ममता ने मंगलवार को एनसीपी, शिवसेना, टीआरएस, टीडीपी, आरजेडी और सपा के नेताओं से मुलाकात की थी। वह एनसीपी के शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, शिवसेना के संजय राउत, राजद के लालू यादव की बेटी मीसा भारती, टीडीपी के वाई एस चौधरी, टीआरएस की के कविता, बीजद के पिनाकी मिश्रा और द्रमुक की कनिमोझी से मिल चुकी हैं।
गैर-भाजपा और गैर कांग्रेसी राजनीतिक दलों से मुलाकात करने के बाद एक सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा था कि जब राजनीति से जुड़े लोग मुलाकात करते हैं, तो तय रूप से राजनीति पर चर्चा होगी। यहां कुछ भी छिपा नहीं है। अगले साल 2019 का लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होगा। इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कोलकाता जाकर ममता बनर्जी से थर्ड फ्रंट बनाने की संभावना को लेकर चर्चा की थी, जिसके बाद दोनों नेताओं ने गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी फ्रंट की बात पर जोर दिया था।
#WATCH If our PM can meet Nawaz Sharif in Pakistan then why can't we meet Mamata ji? She is an Indian and the Chief Minister of a state, she has been an important NDA member in the past: Sanjay Raut,Shiv Sena pic.twitter.com/dNxonQdBQW
— ANI (@ANI) March 28, 2018
अछूत नहीं हैं ममता
ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद शिवसेना का टोन भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि पीएम पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मिल सकते हैं तो ममता बनर्जी तो हमारे देश के एक राज्य की मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी भी कभी एनडीए का हिस्सा रह चुकी हैं और वह अछूत नहीं हैं।