दिल्ली हाईकोर्ट ने लाभ के पद के मामले मेँ अयोग्य ठहराए गए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को राष्ट्रपति की अधिसूचना पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग को फिर से मामले की सुनवाई के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने इस फैसले को सत्य की जीत करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “सत्य की जीत हुई। दिल्ली के लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को ग़लत तरीक़े से बर्खास्त किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के लोगों को न्याय दिया। दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत। दिल्ली के लोगों को बधाई।“
सत्य की जीत हुई। दिल्ली के लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को ग़लत तरीक़े से बर्खास्त किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के लोगों को न्याय दिया। दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत। दिल्ली के लोगों को बधाई। https://t.co/eDayHziHSn
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 23, 2018
जबकि कांग्रेस के अजय माकन ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को त्वरित राहत दी गई है। आम आदमी पार्टी को खुश होने की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति के फैसले को निरस्त नहीं किया है। हाईकोर्ट ने यह नहीं कहा है कि चुनाव आयोग का फैसला आया है, वह गलत है। आप को हाईकोर्ट से तत्काल राहत मिली है।
We will fight it out in the Election Commission again as these 20 MLAs have enjoyed perks. HC has not disputed or denied this.
The HC has just asked ECI to look at it again in the light of natural justice!
— Ajay Maken (@ajaymaken) March 23, 2018
क्या था मामला
चुनाव आयोग ने 19 जनवरी को संसदीय सचिव को लाभ का पद ठहराते हुए राष्ट्रपति से आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। उसी दिन AAP के कुछ विधायकों ने चुनाव आयोग की सिफारिश के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था। 21 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूर करते हुए विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी। बाद में आप विधायकों ने हाई कोर्ट में दायर की गई अपनी पहली याचिका को वापस लेकर नए सिरे से याचिका डाली और अपनी सदस्यता रद्द किए जाने को चुनौती दी। केजरीवाल ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। उनमें से एक विधायक जरनैल सिंह भी थे जिन्होंने बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।