देहरादून। सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए त्रिवेंद्र राज में नामित सभी दर्जाधारी नेताओं को एक झटके में ही पैदल कर दिया है। अब इन पदों पर नए सिरे से भाजपा नेताओं की ताजपोशी होगी। सरकार के इस फैसले को त्रिवेंद्र की कार्यशैली पर एक और हमला माना जा रहा है।
त्रिवेंद्र के कुर्सी से हटने के बाद उनके कार्य़काल में हुए तमाम फैसलों को पलटने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला विभिन्न सरकारी ओहदों पर तैनात भाजपा नेताओं (दर्जाधारी राज्यमंत्रियों) का है। तीरथ सरकार ने एक झटके में भी विभिन्न विभागों और निगमों में तैनात अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य और सलाहकारों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। अहम बात यह फैसला त्रिवेंद्र की ताजपोशी के तत्काल बाद यानि 15 मार्च-2017 से अब तक हुईं तमाम नियुक्तियों को निरस्त करने का है। इस बारे में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से दो अप्रैल को एक आदेश किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि यह आदेश संवैधानिक पदों पर निर्धारित अवधि के लिए नियुक्त लोगों पर लागू नहीं होगा।
पिछले कई रोज से यह चर्चा तेज थी कि तीरथ सरकार इन दर्जाधारी मंत्रियों को हटा सकती है। बताया जा रहा कि पिछली त्रिवेंद्र सरकार ने ये तमाम नियुक्तियां अपनी मर्जी से ही की थी। इस बारे में न तो संगठन से कोई मशिविरा किया गया और न ही संघ के लोगों को विश्वास में लिया गया। इससे तमाम निष्ठावान कार्य़कर्ताओं और नेताओं में खुद की उपेक्षा को लेकर खासा आक्रोश था। इससे आने वाले चुनाव में नुकसान होने का भी डर था। सूत्रों का कहना है कि सीएम तीरथ सिंह रावत अब इन पदों पर नए सिरे से तैनाती करेंगे। इस बारे में संगठन के साथ ही संघ की राय को भी तरजीह दी जाएगी।