प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आज नामांकन प्रक्रिया के दौरान अध्यक्ष पद के लिए अमित शाह के नाम का प्रस्ताव किया। नामांकन पत्र की जांच के बाद शाह के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की गई। इस पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार मैदान में नहीं उतरा जबकि शाह के पक्ष में 17 नामांकन पेश किए गए।
51 वर्षीय अमित शाह का कार्यकाल शनिवार को पूरा हो गया था। मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले शाह के लिए यह तीन साल का पूर्ण कार्यकाल होगा। राजनाथ सिंह के केंद्र में मंत्री बनने के कारण मई 2014 में शाह ने उनके बचे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद संभाला था। उनकी नई पारी में पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव को सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
शाह के नाम का प्रस्ताव करने वालों में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अनंत कुमार, जे पी नड्डा, एम वेंकैया नायडू के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में वसुंधरा राजे, रघुवर दास, शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य शामिल थे। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक 28 जनवरी को बुलाई गई है जहां नए कार्यकाल के लिए शाह का स्वागत किया जाएगा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें अमित शाह जी पर पूरा भरोसा है कि पार्टी उनके नेतृत्व में सफलता के नए शिखर को छूएगी।
अमित शाह के दोबारा अध्यक्ष चुने जाने में भाजपा कार्यकर्ताओं में खास उत्साह है। राजधानी दिल्ली समेत देश भर में भाजपा कार्यालयों में बड़ी धूमधाम से जश्न मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अमित शाह को दोबारा भाजपा अध्यक्ष बनने पर बधाई दी है।
Congratulations to Shri @AmitShah on being elected BJP president. I am confident the Party will scale newer heights under his leadership.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 24, 2016
दिल्ली, बिहार की नाकामी के बावजूद दोबारा कमान
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अमित शाह का पार्टी में रुतबा दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बावजूद कम नहीं हुआ है। उनके अध्यक्ष रहते पार्टी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी जीते थे लेकिन दिल्ली और बिहार में उनका जादू नहीं चल पाया। यूपी के प्रभारी रहते हुए अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को 80 में से 71 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।
अाडवाणी, जोशी रहे नदारद
पार्टी अध्यक्ष के तौर अमित शाह की दोबारा ताजपोशी के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय बनी रही। मिली जानकारी के अनुसार, दोनों वरिष्ठ नेता अध्यक्ष पद की नामांकन प्रक्रिया के दौरान दिखाई नहीं पड़े।
अाउटलुक ने 18 जनवरी को दी थी खबर
आउटलुक पत्रिका ने अपनी वेबसाइट पर 18 जनवरी को ही यह खबर दे दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद अमित शाह को पार्टी अध्यक्ष बनाए रखने का फैसला हो गया है। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि विपक्ष के तमाम दबावों के बावजूद मोदी अपने शीर्ष पांच मंत्रियों को नहीं बदलेंगे। हालांकि, दिल्ली और बिहार की करारी हार के बाद पार्टी में अमित शाह को बदले जाने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी मगर आरएसएस, भाजपा के शीर्ष नेताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद उन्हें एक और कार्यकाल मिलना तय था। इस तरह अध्यक्ष पद पर शाह का चुनाव औपचारिकता मात्र रह गया था।