भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कांग्रेस के 'लिंगायत कार्ड' का तोड़ ढूंढने सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक पहुंचे हैं। सबसे पहले भाजपा अध्यक्ष ने टुमकुर स्थित सिद्दगंगा मठ जाकर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी का आशीर्वाद लिया।
Today I had the good fortune to seek blessings from the 'Walking God' Sri Sri Sri Shivakumara Swamiji of Siddhaganga Mutt, Tumakuru. His tireless work even at his advanced age is inspiring. His life is a living lesson and guiding light for all of us. pic.twitter.com/QVDYOSgpAE
— Amit Shah (@AmitShah) March 26, 2018
कर्नाटक में कुछ दिनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए शाह का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष किसानों और व्यापारियों की सभा को भी संबोधित करेंगे। सबसे अहम उनका लिंगायत और दलित समुदाय के मठों का दौरा है। माना जा रहा है कि इन मठों की यात्रा से वह राज्य में लिंगायत और दलित धर्म गुरुओं का रुख जानेंगे।
लिंगायतों की लुभाने में जुटी कांग्रेस और भाजपा
लिंगायत समुदाय को लेकर कांग्रेस और भाजपा अब लुभाने की कोशिश में जुट गई है। सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भाजपा का परंपरागत वोट बैंक समझे जाने वाले लिंगायत-वीरशैव समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए उन्हें धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देकर केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। इसे सिद्धारमैया का 'मास्टर स्ट्रोक' माना जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का मठों का दौरा और गुरुओं से मुलाकात को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। भाजपा ने लिंगायत समुदाय के इसी वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए राज्य के पूर्व सीएम बी एस येदियुरप्पा को अपना सीएम कैंडिडेट घोषित किया है। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं। 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में लिंगायत समुदाय करीब सौ सीटों पर असरकारक माना जाता है।