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कर्नाटक के नए सीएम का ऐलान, पेशे से इंजीनियर जाने कौन हैं बसवराज बोम्मई

कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री का ऐलान कर दिया गया है। बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद अब बसवराज बोम्मई...
कर्नाटक के नए सीएम का ऐलान, पेशे से इंजीनियर जाने कौन हैं बसवराज बोम्मई

कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री का ऐलान कर दिया गया है। बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद अब बसवराज बोम्मई राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। मंगलवार को हुए बीजेपी के विधायकों की बैठक में इसका फैसला हुआ। बसवराज बोम्मई का नाम येदियुरप्पा ने ही सुझाया था, जिसका मंत्री के एस ईश्वरप्पा और बाकी सभी विधायकों ने समर्थन किया।

जनता दल से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले बसवराज बोम्मई येदियुरप्पा सरकार में गृह मंत्री रहे हैं और उनके बेहद करीबी भी माने जाते हैं। बसवराज बोम्मई लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। खुद बीएस येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से आते हैं, ऐसे में माना जा रहा था कि लिंगायत समुदाय से ही किसी मंत्री या विधायक को कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और हुआ भी वैसा ही।

बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुआ। उनका ताल्लुक कभी 'जनता परिवार' से हुआ करता था। बोम्मई कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के सीएम रह चुके हैं। बोम्मई ने भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से 1982 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई डिग्री ली है।

जनता दल से अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले बसवराज बोम्मई 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और तब से लगातार पार्टी में ऊपर चढ़ते चले गए। वह पहले राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी। वह दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक रहे हैं। बीजेपी में शामिल होने से पहले एचडी देवेगौड... देवेगौड़ा और रामकृष्ण हेगड़े सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया है।  वह 1998 और 2004 में धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानपरिषद के सदस्य के रूप में चुने गए। 2008 के कर्नाटक में हुए चुनावों में वह हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए।

बता दें कि बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया था। राज्य में कई महीनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थी। दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले येदियुरप्पा ने चार बार राज्य का नेतृत्व किया।

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