उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार भी पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है। ठाकुर ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ और ओडिशा में आए हुदहुद तूफान से प्रभावित इलाकों की केंद्र ने पर्याप्त सहायता की।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब हिमाचल प्रदेश की बात आती है तो न प्रदेश सरकार सहायता को आगे आती है और न केंद्र सरकार उतना ध्यान देती है जितना उसे देना चाहिए। भाजपा सांसद ने कहा कि झारखंड के देवघर में एक मंदिर में हुए हादसे में 11 लोगों की मौत पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अभी सदन में बयान दिया। अच्छा होता यदि वह हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित लोगों के बारे में भी कोई बात कहते। अनुराग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर में आठ अगस्त को भारी बारिश के कारण 200 दुकानों को नुकसान पहुंचा, कई बसें बह गईं और करीब 75 घर बर्बाद हो गए। घटना में एक ही परिवार के तीन लोग मारे गए।
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2014 को भी क्षेत्र में ऐसी ही बाढ़ आई थी और विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल अगले ही दिन प्रभावित इलाके में पहुंच गए लेकिन मुख्यमंत्री कई महीनों बाद वहां गए। अनुराग ठाकुर ने कहा कि वहां एक साल बीत जाने के बावजूद प्रभावित लोगों को राहत नहीं दी गयी है और केंद्र द्वारा जारी राहत राशि भी नहीं बांटी गई है। उन्होंने ताजा बाढ़ से प्रभावित धर्मपुर की पांच पंचायतों को तुरंत सहायता और मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की।