Advertisement

कांग्रेस कार्यसमिति से दिग्विजय, जनार्दन के अलावा भी कई दिग्गज नेता बाहर

कांग्रेस ने मंगलवार को अपनी पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था कांग्रेस कार्यसमिति...
कांग्रेस कार्यसमिति से दिग्विजय, जनार्दन के अलावा भी कई दिग्गज नेता बाहर

कांग्रेस ने मंगलवार को अपनी पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का ऐलान कर दिया है। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद इस 51 सदस्यीय नई टीम के गठन को अहम माना जा रहा है। इसमें जहां युवा चेहरों को तरजीह दी गई है वहीं, अनुभवी वरिष्ठ नेताओं को भी शामिल किया गया है। लेकिन कई दिग्गज वरिष्ठ नेताओं की कार्यसमिति से छुट्टी कर दी गई है।

सोनिया और राहुल के बेहद करीबी माने जाने वाले जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सुशील शिंदे, मोहन प्रकाश, कर्ण सिंह, सीपी जोशी, जयराम रमेश, बीके हरिप्रसाद, शकील अहमद, शशि थरूर, मोहसिना किदवई, ऑस्कर फर्नांडीज, मधुसूदन मिस्त्री जैसे दिग्गज नेताओं का इस कार्यसमिति में नहीं होना काफी हैरान कर रहा है।

इस नई कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री- हरीश रावत, तरुण गोगोई,  सिद्धरमैया, अशोक गहलोत, ओमान चांडी, शीला दीक्षित जैसे नाम शामिल किए गए हैं। लेकिन पंजाब में कांग्रेस की नैया पार लगाने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को कार्यसमिति से बाहर रखा गया है। इसके अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जैसे नेताओं को भ्‍ाी इसमें जगह नहीं मिली है। जबकि हुड्डा के बेटे दीपेंदर सिंह को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।

अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिदबंरम, मोतीलाल वोरा, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, एके एंटोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा और अशोक गहलोत को जगह दी गई है। वहीं, युवा नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, गौरव गोगोई, राजीव एस. सातव को सदस्य बनाया गया है। हालांकि गौरव गोगोई, दीपेंदर सिंह जैसे नाम के शामिल होने से परिवारवाद के पुट भी नजर आ रहे हैं। 

कांग्रेस की इस नई टीम में पी चिदंबरम जैसे वकील को जरूर शामिल किया गया है लेकिन कपिल सिब्बल और एएम सिंघवी जैसे दिग्गज वकीलों को स्थान नहीं मिला है। बता दें कि कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर कोर्ट का रुख करने में इन वकीलों की बड़ी भूमिका रही है। इनकी वजह से ही कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत साबित करने के दौरान कोर्ट ने वीडियो रिकॉर्डिंग का आदेश दिया। साथ ही भाजपा को सरकार बनाने के लिए मिले 15 दिन को कम करवाने में कामयाबी मिल पाई।

नए चेहरों की बात करें तो मुकुल वासनिक, अविनाश पांडेय, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रध्वज साहू  और गैखंगम को इसमें शामिल किया गया है।

कार्यसमिति में महिलाओं की हिस्सेदारी के मामले में पार्टी का पक्ष काफी कमजोर नजर आ रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने महज 7 महिलाओं को इसमें स्थान दिया है। इनमें सोनिया गांधी के अलावा अम्बिका सोनी, आशा कुमारी, रजनी पाटिल, कुमारी शैलजा, शीला दीक्षित, सुष्मिता देव को मिलाकर केवल 15 फीसदी महिलाओं को ही जगह दी गई है।

कुल मिलाकर अब राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की कार्यसमिति में बड़े स्तर पर बदलाव नजर आ रहे हैं। 2019 के चुनाव से पहले न कार्यसमिति का गठन कितना सार्थक हो पाता है इसका परीक्षण आगामी चुनाव में ही हो सकेगा।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad