ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज यानी शनिवार को कहा है कि वह देश में कमजोर प्रधानमंत्री और खिचड़ी सरकार चाहते हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर गुजरात पहुंचे ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश को कमजोर प्रधानमंत्री और खिचड़ी सरकार की जरूरत है। उन्होंने इस दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा को एक जैसा बताया।
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश की दावेदारी पर भी ओवैसी ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि यदि चेहरों से मुकाबला करें, नरेंद्र मोदी का तो बीजेपी को फायदा हो सकता है। इसकी बजाय जितनी भी लोकसभा की सीटें हैं उन पर हमसबको बीजेपी से मुकाबला करने की जरूरत है। ओवैसी ने यह भी कहा कि 2022 गुजरात दंगों के दौरान नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे।
अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली पार्टी को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा, ''आम आदमी पार्टी और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। चुनाव के वक्त ये (आरोप-प्रत्यारोप) सब होता है। जनता होशियार है। ये लोग वादे कर रहे हैं पर जनता अपना फैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि आमतौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबले वाले राज्य में इस बार आप और एआईएमआईएम ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है और इन दो दलों की एंट्री ने चुनाव को बेहद दिलचस्प बना दिया है।
#WATCH देश को कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है, ताकतवर प्रधानमंत्री देख लिया है। कमजोर..कमजोर की मदद करेगा ताकतवर..ताकतवर की मदद कर रहा है। मैं चाहता हूं देश में खिचड़ी सरकार बने क्योकिं गुजरात, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश की खिचड़ी मुख़्तलिफ़ होती है: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/g5a0k0ajDU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 10, 2022
ओवैसी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''चीन हमारी जमीन पर बैठा है तो प्रधानमंत्री जवाब नहीं देते। जब पूछते हैं कि उद्योगपतियों का क्यों कर्ज माफ कर दिया गया तो वह कहते हैं कि सिस्टम मुझे काम नहीं करने देता। 300 से ज्यादा उनके पास सांसद हैं। पंडित नेहरू के बाद यदि कोई पावरफुल पीएम है दूसरी बार तो, उसके बाद भी वह सिस्टम की बात करते हैं। इसलिए मेरा मानना है कि देश में कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है। ताकतवर तो देख लिए, अब कमजोर चाहिए, ताकि वह कमजोरों की मदद कर सके। ताकतवर ताकतवर की मदद कर रहा है। वह कमजोर को तो देख ही नहीं रहा। मैं चाहता हूं देश में खिचड़ी सरकार बने क्योकिं गुजरात, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश की खिचड़ी मुख़्तलिफ़ होती है।''