पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा बीजेपी की एसवाईएल राजनीति को ड्रामा करार दिया है। हुड्डा का कहना है कि एसवाईएल को लेकर बीजेपी उपवास नहीं बल्कि उपहास कर रही है। सत्ताधारी पार्टी को अनशन नहीं बल्कि हरियाणा के हितों से खिलवाड़ करने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। क्योंकि बीजेपी का हरियाणा के हितों के प्रति हमेशा ढुलमुल रवैया रहा है। अगर बीजेपी सच में हरियाणा को पानी दिलवाने को लेकर गंभीर होती तो अबतक प्रदेश को एसवाईएल का पानी मिल चुका होता। लेकिन बीजेपी सरकार ने कभी हरियाणा के हितों से सरोकार नहीं रखा। मौजूदा सरकार ने 6 साल सत्ता में रहते हुए कभी एसवाईएल का पानी हरियाणा को दिलवाने की कोशिश नहीं की। साढ़े 3 साल पहले सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला हरियाणा के हक़ में आ चुका है। सुप्रीम कॉर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे और सर्वदलीय मीटिंग में भी निश्चित हुआ था कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से समय लेंगे बावजूद इसके सरकार ने कभी प्रदेश को पानी दिलवाने की दिशा में एक क़दम आगे नहीं बढ़ाया। फिलहाल बीजेपी का मक़सद सिर्फ किसान आंदोलन को भटकाना और किसानों की एकजुटता में फूट डालना है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसान बीजेपी की नीति और नीयत दोनों को अच्छे से समझ चुके हैं। लेकिन अब वो इसके झांसे में नहीं आने वाले। किसानों को बख़ूबी पता है कि उस सरकार से नहर की उम्मीद नहीं की जा सकती, जिसमें बनी बनाई नहरों को पटवाने का काम किया। कांग्रेस सरकार के दौरान बनाई गई प्रदेश की बड़ी परियोजना दादूपुर-नलवी नहर को भी इसी सरकार ने पाटने का काम किया। किसानों की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ सरकार ने इस परियोजना को बंद किया। किसान बख़ूबी जानते हैं कि ये नहर बनवाने वाली नहीं, नहरें पाटने वाली सरकार है। इसीलिए बीजेपी को हर जगह किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी किसानों को बरगलाने के लिए औछे पैंतरे आजमाना छोड़े और दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों का संज्ञान ले। देश का अन्नदाता कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे अपनी जायज़ मांगों को लेकर धरना दे रहा है। सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों को माने और आंदोलन को समाप्त करवाए।