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मायावती ने अपने भाई को नहीं, भीमराव आंबेडकर को बनाया राज्यसभा उम्मीदवार

अटकलों पर विराम लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए...
मायावती ने अपने भाई को नहीं, भीमराव आंबेडकर को बनाया राज्यसभा उम्मीदवार

अटकलों पर विराम लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने भाई को मैदान में नहीं उतारने का फैसला करते हुए पार्टी के पुराने नेता भीमराव आंबेडकर को उम्मीदवार बनाया है।


मायावती ने बसपा के नेताओं और पदाधिकारियों की मैराथन बैठक के बाद पुराने पार्टी के वफादार का नाम घोषित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उसके भाई किसी सांसद या मंत्री के रूप में कभी भी कार्यालय नहीं बनाएंगे। बता दें कि पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में उनके भाई आनंद के नाम की अटकलें लगाई जा रही थी। इस पर मायावती ने कहा कि कहा कि उनकी पार्टी में वंशवाद की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है और उनके भाई के नाम देने के बारे में सभी अटकलें झूठी हैं।

कौन हैं भीमराव?

मूल रूप से इटावा के रहने वाले भीमराव आंबेडकर दलित समाज से आते हैं। वह इटावा की लखना सीट से विधायक भी रह चुके हैं। भीमराव बसपा के पुराने नेताओं में से है।

राज्यसभा के लिए सपा का साथ?

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव होना है। यहां एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए 37 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। लेकिन बसपा के पास केवल 19 विधायक ही हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी से समर्थन हासिल कर पार्टी का एक राज्यसभा सीट पर कब्जा हो सकता है। बते दें कि एसपी के पास 47 विधायक हैं और बसपा सुप्रीमो ने गोरखपुर और फूलपुर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन की घोषणा की है। 'एक हाथ दे, एक हाथ ले' वाले फॉर्म्युले के तहत बसपा को राज्यसभा सपा का साथ मिल सकता है।

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