पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को 57 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम से बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुकाबला करने के लिए मौजूदा विधायक शुभेंदु अधिकारी को ही टिकट दिया है। इसके साथ ही सबसे हॉट सीट की तस्वीर साफ हो गई है। कोई धोखे का सबक सिखाना चाह रहा है तो कई 50 हजार से हराने की तैयारी में है। अब नंदीग्राम सीट पर सबसे बड़ी लड़ाई होने की उम्मीद जताई जा रही है।
नंदीग्राम अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है और यहां उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला अल्पसंख्यक मतदाता ही करते हैं। इसलिए ममता बनर्जी ने इस सीट को चुना है। वैसे भी वाममोर्चा के शासन को उखाड़ फेंकने में नंदीग्राम आंदोलन की अहम भूमिका रही है। पिछले दशकों की राजनीति में नंदीग्राम आंदोलन को हथियार बना कर ही वर्तमान सीएम ममता बनर्जी ने लेफ्ट को अपदस्थ करने में सफलता पाई थी. 2007 में तात्कालीन सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल की लेफ्ट सरकार ने सलीम ग्रूप को ‘स्पेशल इकनॉमिक जोन’ नीति के तहत नंदीग्राम में एक केमिकल हब की स्थापना करने की अनुमति प्रदान करने का फैसला किया था।
राज्य सरकार की योजना को लेकर उठे विवाद के कारण विपक्ष की पार्टियों ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आवाज उठाई। टीएमसी, एसयूसीएलI,जमात उलेमा-ए-हिंद और कांग्रेस के सहयोग से भूमि उच्छेद प्रतिरोध कमिटी (बीयूपीसी) का गठन किया गया और सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन शुरू किया गया। इस आंदोलन का नेतृत्व तात्कालीन विरोधी नेत्री ममता बनर्जी कर रही थीं और इसके नायक शुभेंदु अधिकारी थे।
नंदीग्राम शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है, अधिकारी हाल ही में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। वह पहले ममता बनर्जी सरकार में मंत्री थे। ममता बनर्जी की चुनौती स्वीकार करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यदि मुझे बीजेपी की तरफ से नंदीग्राम का टिकट दिया जाता है तो मैं ममता बनर्जी को कम से कम 50 हजार वोटों से हराऊंगा अन्यथा मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
2007 में नंदीग्राम आंदोलन के बाद साल 2009 में हुए विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी ने पहली बार नंदीग्राम में अपना खाता खोला। टीएमसी की फिरोजा बीबी ने यह जीत हासिल की। शुभेंदु अधिकारी 2016 में नंदीग्राम से विधायक बने और ममता सरकार में मंत्री बनाए गए।. टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी का नंदीग्राम गढ़ सूत्रधार माना जाता है। मिदनापुर में शुभेंदु के परिवार का वर्चस्व है। उनके पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं। वे यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे और अभी तृणमूल से सांसद हैं। शुभेंदु खुद लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    