विधानसभा में बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव का मकसद पूरा हो गया है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने कहा कि आज सदन में नहीं तो जनता की नजरों में ये सरकार जरूर गिर चुकी है। क्योंकि सत्ता सहयोगी जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के पास मौका था कि वो किसानों के समर्थन में वोट करके जनप्रतिनिधि होने की अपनी जिम्मेदारी निभाते।
कांग्रेस ने संख्याबल कम होने के बावजूद सदन में किसान का पक्ष मजबूती से रखा और अपनी जिम्मेदारी निभाई। हमने अन्नदाता पर लाठियां, आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन चलाने और झूठे मुकदमों में किसानों को फंसाने वाली सरकार के खिलाफ वोट दिया। कांग्रेस भविष्य में भी किसानों के समर्थन में मजबूती से खड़ी रहेगी और सड़क से लेकर सदन तक उसके हक की आवाज बुलंद करेगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर सीक्रेट वोटिंग की मांग की थी। लेकिन विधानसभा स्पीकर ने इस मांग को ठुकरा दिया। इससे जाहिर होता है कि सरकार को अपने कई विधायकों के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने का डर था। क्योंकि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन बखूबी जानता है कि ये सरकार बहुमत के आधार पर नहीं, बल्कि बहुमत का अपमान करके बनी है। उसे खुद नहीं पता है कि बैसाखियों के सहारे खड़ी सरकार कितने दिन चलेगी। ऐसी सरकारें अपनी नाकामियों के बोझ तले दबकर खुद ही गिर जाया करती हैं। जनता को जब भी जनादेश देने का मौका मिलेगा, वो इस सरकार को सत्ता से उखाड़ फैंकने का काम करेगी।
सदन की कार्रवाई के दौरान पूरे प्रदेश ने देखा कि सरकार के पास जनता के सवालों और समस्याओं का कोई जवाब नहीं था। कांग्रेस विधायकों ने किसानों पर अत्याचार से लेकर, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अपराध का मुद्दा उठाया। सभी मुद्दों पर तथ्यात्मक और स्पष्ट जवाब देने की बजाए सरकार जुमलेबाजी करती रही।