छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर अब सारा सस्पेंस खत्म हो गया है। छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री का ऐलान हो गया है। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री होंगे। विधायक दल की बैठक में भूपेश बघेल का नाम छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित किया गया। हालांकि इस फैसला कल शाम ही राहुल गांधी ने कर दिया था, लेकिन सभी दावेदारों की चुप्पी की वजह से ये सस्पेंस बढ़ गया था।
रविवार को विधायक दल की बैठक कांग्रेस भवन में हुई, जिसमें सभी 68 विधायक पहुंचे थे। विधायक दल की बैठ में मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रभारी पीएल पुनिया ने नये मुख्यमंत्री पद का ऐलान किया। इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रभारी पीएल पुनिया के साथ टीएस सिंहदेव दिल्ली से रायपुर पहुंचे थे। बैठक में भाग लेने के लिए वो रायपुर एयरपोर्ट से सीधे कांग्रेस भवन पहुंचे।
वहीं भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू सुबह 8 बजे की फ्लाइट से रायपुर पहुंचे थे। रायपुर पहुंचते ही जिस तरह से भूपेश बघेल का कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था और भूपेश बघेल ने सहजता के साथ उसे स्वीकार किया था, उसे देखकर ही इस बात का अहसास हो गया था कि भूपेश बघेल ही छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री होंगे।
इससे पहले सीएम पद की रेस में भूपेश बघेल के अलावा टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरण दास महंत का नाम चल रहा था। अब विधायक दल की बैठक में भूपेश बघेल के नाम पर मुहर लगाई गई।
पार्टी ने बघेल की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने के ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ में जश्न मनाया जा रहा है। हम उन्हें शुभकामना देते हैं क्योंकि वह समानता, पारदर्शिता वाली और ईमानदार सरकार बना रहे हैं और किसानों की कर्ज माफी से शुरुआत करेंगे जिसका वादा किया गया था।’’
Celebrations are in order in Chhattisgarh as @Bhupesh_Baghel is appointed CM. We wish him the best as he forms a govt. of equality, transparency & integrity starting off with farm loan waiver for farmers as we promised. pic.twitter.com/7OqGcPi2eh
— Congress (@INCIndia) December 16, 2018
पाटन सीट से विधायक भूपेश बघेल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। पीसीसी चीफ रहते ही उन्होंने कार्यकर्ताओं में जान डाली और प्रदेश में सरकार विरोधी लहर पैदा करने में काफी सफल रहे। उन्हें सीडी कांड में जेल जाना पड़ा था। इसे लेकर कांग्रेस ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया था।
भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ। कुर्मियों में इनका अच्छा जनाधार माना जाता है। मुख्यमंत्री चयन में कुर्मी जनाधार भी इनके लिए प्लस प्वाइंट रहा। 1985 से कांग्रेस से जुड़कर राजनीति कर रहे हैं। पहली बार 1993 में विधायक बने थे। मध्य प्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2000 में योगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे। इस बार विधानसभा चुनाव में संगठन में गुटबाजी को काफी कम करने में अहम भूमिका निभाई। पिछले साल बीजेपी सरकार के एक मंत्री की कथित सेक्स सीडी सामने आई थी। इस मामले में कथित कनेक्शन होने के आरोप में बीजेपी की सरकार में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। जिसका काफी विरोध हुआ था।
बता दें कि इस बार कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में एंटी इन्कमबेंसी का शानदार फायदा उठाते हुए भारी बहुमत से जीत हासिल कर 15 वर्षों से सत्ता में काबिज बीजेपी को उखाड़ फेंका। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के चयन के लिए विधायकों से पहले ही राहुल गांधी की बात हो चुकी थी। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधायकों की बैठक में चर्चा के बाद दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी को उनकी राय बताई थी। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के दो प्रमुख दावेदार थे। एक भूपेश बघेल और दूसरे राज्य के सबसे अमीर विधायक टीएस सिंहदेव। मगर कांग्रेस नेतृत्व ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाना ज्यादा बेहतर समझा।