दिवाली से पहले आम आदमी, किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी राहत आई है। जीएसटी परिषद ने बुधवार को कई अहम फैसले लिए हैं, जिनसे बीमा, दवाइयाँ, रोज़मर्रा का सामान और वाहन सस्ते हो जाएंगे।
वित्त मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अब सभी जीवन बीमा पॉलिसियों—चाहे टर्म लाइफ हों, यूलिप हों या एंडोमेंट—पर जीएसटी नहीं लगेगा। इसी तरह सभी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों, फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसियों पर भी जीएसटी से छूट दी गई है। इसका मतलब है कि बीमा अब सस्ता होगा और कवरेज बढ़ेगा।
आम आदमी के इस्तेमाल की कई चीजों पर भी कर घटा दिया गया है। हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर और किचनवेयर जैसे घरेलू सामान पर जीएसटी 18 या 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। दूध (यूएचटी), पनीर और सभी भारतीय ब्रेड जैसे रोटी, पराठा आदि पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। वहीं नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, मक्खन और घी जैसी चीजों पर जीएसटी को 12 या 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी बड़ी राहत दी गई है। एयर कंडीशनर, 32 इंच टीवी, डिशवॉशर, छोटी कारें और 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। बसों, ट्रकों और एम्बुलेंस पर भी यही नई दर लागू होगी। तिपहिया वाहनों और सभी ऑटो पार्ट्स पर अब 18 प्रतिशत की एक समान दर लगेगी।
किसानों के लिए भी अच्छी खबर है। ट्रैक्टर और खेती-बाड़ी की मशीनों पर जीएसटी को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। उर्वरक क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया पर भी जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी अहम राहत दी गई है। 33 जीवनरक्षक दवाइयों पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की तीन अहम दवाइयों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। अन्य सभी दवाओं पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरणों पर भी दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। इसमें वाडिंग गौज, पट्टियाँ, डायग्नोस्टिक किट, ब्लड शुगर मॉनिटरिंग सिस्टम और कई अन्य उपकरण शामिल हैं।
जीएसटी परिषद ने वस्त्र क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही समस्या भी हल की है। मानव निर्मित रेशे पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत और मानव निर्मित धागे पर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) सितंबर के अंत से पहले अपील स्वीकार करना शुरू कर दे और दिसंबर 2025 के अंत तक सुनवाई शुरू हो जाए। सेवाओं पर नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये व्यापक सुधार नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएंगे और छोटे व्यापारियों व व्यवसायियों के लिए व्यापार करना आसान होगा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार की घोषणा की गई थी और अब केंद्र व राज्यों ने मिलकर उस पर सहमति बना ली है। इन सुधारों से आम आदमी, किसान, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाएं और युवा सभी को फायदा होगा।