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बिहार: जेडीयू नेताओं का भाजपा पर फूटा गुस्सा, केंद्रीय मंत्री का किया पुतला दहन, पोस्टर बैनर भी उखाड़े

बिहार में भले ही नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार चल रही है। लेकिन गठबंधन में तनातनी को लेकर...
बिहार: जेडीयू नेताओं का भाजपा पर फूटा गुस्सा, केंद्रीय मंत्री का किया पुतला दहन, पोस्टर बैनर भी उखाड़े

बिहार में भले ही नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार चल रही है। लेकिन गठबंधन में तनातनी को लेकर अक्सर खबरें आती रहती हैं। अब आरा जिले में शनिवार को ओवर ब्रिज के उद्घाटन समारोह के दौरान जेडीयू कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। जेडीयू नेताओं ने बीजेपी के केंद्रीय मंत्रियों के पोस्टर-बैनर उखाड़ कर उसे बीच रोड पर जलाया। दरअसल , जेडीयू कार्यकर्ता इस बात को लेकर भड़के थे कि शहर के पूर्वी रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर बने फोरलेन ब्रिज के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या जेडीयू के किसी भी नेता का फोटो या नाम समारोह में नहीं था। ऐसे में उन्होंने कार्यक्रम स्थल से कुछ ही दूरी पर बीच सड़क केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और आरा सांसद आरके सिंह का पुतला दहन किया।

आजतक की खबर के मुताबिक, जेडीयू कार्यकर्ताओं ने शहर में लगाए गए भाजपा के होर्डिंग और पोस्टर को फाड़ कर जला दिया। विरोध प्रदर्शन की अगुवाई युवा जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव प्रिंस बजरंगी कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि ओवर ब्रिज के उद्घाटन समारोह के बने मंच के पोस्टर व बैनर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं लगाई गई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम से जनता दल यूनाइटेड के नेताओं को भी दूर रखा गया है जो सरासर गलत है।

बजरंगी ने कहा कि रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर बने ओवर ब्रिज जो आरा ही नहीं पूरे भोजपुर और शाहाबाद का कई सालों से सपना था। जिसे नीतीश कुमार की कोशिशों से ही बनाया गया है। हालांकि बजरंगी ने यह भी कहा कि एनडीए की सरकार के तहत उनका गठबंधन मजबूत है। इसके बावजूद ऐसी छोटी सोच अच्छी मानसिकता को नहीं दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री और भोजपुर के सांसद आरके सिंह को इस बात को सुधार करनी चाहिए। ताकि एनडीए कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जा सके
। लेकिन वो इन बातों को दरकिनार कर इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं जो गठबंधन में मतभेद पैदा करने जैसा है।

वहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष ने सारा ठीकरा, सरकारी विभाग पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि ये बीजेपी का कार्यक्रम नहीं, बल्कि सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम था। जिसमें बीजेपी के मंत्रियों को अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। हालांकि गलती हुई है इस मामले को वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में दिया जाएगा।

 

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