पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को भारत आने का न्यौता दिए जाने को लेकर पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी तरफ से सफाई दी है। हामिद अंसारी ने कहा है कि नुसरत मिर्जा से वो न तो कभी मिले हैं और न ही कभी भारत आने का न्यौता दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता झूठी खबरें फैला रहा है। हामिद अंसारी ने कहा कि न तो उन्होंने कभी नुसरत मिर्जा को भारत बुलाया और न ही वह उनसे मिले।
पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा से संबंधित विवाद पर पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि मैंने उन्हें कभी आमंत्रित किया और न ही कभी मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि ये पता होना चाहिए कि उप-राष्ट्रपति जब किसी विदेशी मेहमान को बुलाता है तो सरकार की सलाह पर निमंत्रण दिया जाता है। इसके अलावा उन्होंने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने के बीजेपी के आरोप पर कहा कि ईरान में राजनयिक के रूप में हमेशा सरकार की जानकारी के दायरे में था, राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिबद्धता से बंधा था।
पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को भारत आने का न्यौता दिए जाने को लेकर पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी तरफ से सफाई दी है। हामिद अंसारी ने कहा है कि नुसरत मिर्जा से वो न तो कभी मिले हैं और न ही कभी भारत आने का न्यौता दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता झूठी खबरें फैला रहा हैं।
बीजेपी के आरोप का जवाब देते हुए अंसारी ने एक बयान में कहा, "मेरे खिलाफ झूठ फैलाया गया है।" उन्होंने उस पाकिस्तानी जर्नलिस्ट नुसरत मिर्जा से मिलने या आमंत्रित करने से इनकार किया है जिसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध होने का संदेह है। पूर्व उप राष्ट्रपति ने बयान में कहा, "मीडिया और भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा मेरे खिलाफ ‘‘एक के बाद एक झूठ'' फैलाया गया। मैंने उन्हें कभी आमंत्रित नहीं किया और न ही उनसे मुलाकात की।" अंसारी ने खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक पूर्व अधिकारी की टिप्पणियों के हवाले से बीजेपी द्वारा लगाए गए इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि उन्होंने (अंसारी ने) ईरान में भारत के राजदूत के तौर पर राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम किया।
अंसारी ने बयान में कहा, "कल और आज मीडिया के कुछ वर्गों में और बीजेपी के आधिकारिक प्रवक्ता की ओर से मुझ पर झूठ का प्रहार किया गया है कि देश के उप राष्ट्रपति के रूप में मैंने पाकिस्तान पत्रकार नुसरुत मिर्जा को आमंत्रित किया था...कि दिल्ली में आतंकवाद पर एक कॉन्फ्रेंस क दौरान मैं उनके मिला था और ईरान में राजदूत रहते हुए मैंने राष्ट्रीय हितों के साथ विश्वासघात किया था। एक सरकारी एजेंसी के पूर्व अधिकारी के हवाले से यह आरोप लगाए गए हैं।"
पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा, "यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारत के उप राष्ट्रपति द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की सलाह पर दिया जाता है। मैंने 11 दिसंबर 2010 को आतंकवाद पर एक कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया था। सामान्य तौर पर आयोजकों द्वारा आमंत्रितों की सूची तैयार की जाती है। मैंने कभी उन्हें (पाकिस्तानी पत्रकार का जिक्र करते हुए) आमंत्रित नहीं किया और न उनसे मुलाकात की।"
दरअसल, पाकिस्तान के सीनियर पत्रकार नुसरत मिर्जा ने अपने एक यूट्यूब इंटरव्यू में हाल ही में दावा किया है कि वह 2005 से 2011 के बीच कई बार भारत आए और सूचनाएं इकट्ठी कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाई हैं। नुसरत मिर्जा के दावे पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अंसारी पर देशविरोधी कार्यों में संलिप्त होने का गंभीर आरोप लगाया और गांधी परिवार से पूछा कि क्या अंसारी ने ये सब उनके निर्देश पर किया था। भाटिया ने कहा कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा उन्हें (नुसरत मिर्जा) करीब पांच बार भारत आमंत्रित किया गया था। उन्हें आमतौर पर अनुमति से अधिक शहरों की यात्रा करने की अनुमति दी गई थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट करना चाहिए कि आतंकवाद से निपटने के लिए उसकी नीति क्या थी। क्या यह आतंकवाद को समाप्त करने की उनकी नीति थी। हामिद अंसारी को इतना सम्मान दिया गया, बदले में उन्होंने क्या दिया। भाटिया ने यह भी कहा कि एक देश जो आतंकवाद का समर्थन करने के लिए जाना जाता है, उस देश के एक व्यक्ति को आतंकवाद के खिलाफ बोलने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह आतंकवाद से लड़ने की कैसी नीति है।