भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची में जातीय समीकरणों का पूरा ख्याल रखा है। 70 उम्मीदवारों में 15 पाटीदारों को टिकट है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के कांग्रेस के साथ जाने की आंशका के चलते ही भाजपा ने इन्हें अहमियत दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का गृह प्रदेश होने के कारण गुजरात विधानसभा के चुनाव भाजपा के लिए खासे अहमियत रखते हैं। एक तरह से यह चुनाव भाजपा की साख का सवाल बना हुआ है जिसके कारण पार्टी फूंक फूंक कर कदम रख रही है। इसी के कारण जातिगत समीकरण का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। पहली सूची में 70 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है इसमें 15 पाटीदारों को मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा दो चौधरी, आठ ठाकोर, पांच कोली, छह क्षत्रिय, दो ब्राह्रमण और दो जैन समाज के लोगों को टिकट दिया गया है।
2015 में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में आरक्षण की मांग को लेकर हुए पाटीदार आंदोलन के बाद पाटीदार समाज भाजपा से नाराज चल रहा है। भाजपा नाराज पाटीदारों को मनाने का हरसंभव प्रयास कर रही है पर अब तक इसमें सफल नहीं हो पाई है। नरेंद्र मोदी के 2014 में गुजरात छोड़ने के बाद से पाटीदार समाज पर भाजपा की पकड़ ढ़ीली हो गई है। भाजपा के लाख प्रयत्न करने के बावजूद भी पाटीदार समाज के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल गुजरात में एक चेहरा बनकर उभरे हैं और उनके कांग्रेस का साथ देने की उम्मीद है जिसके कारण भाजपा के लिए पाटीदारों को साधना एक चुनौती बन गई है। पहली सूची में दोनों चरणों के उम्मीदवारों के नाम हैं। इनमें ऐसी सीटों को लाया गया है जिस पर कोई विवाद नहीं थी।