खबर है भाजपा आलाकमान ने अनुशासनहीतना को लेकर घनश्याम तिवाड़ी को नोटिस जारी किया है। इन नोटिस पर चुटकी लेते हुए तिवाड़ी ने कहा कि हालात देखिये गंदी नाली गंगा को पवित्र रहने का उपदेश दे रही है। उनका कहना है कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है, यदि नोटिस मिलता है तो उसका माकूल जवाब दिया जायेगा।
भाजपा के भीतर रहते हुए पार्टी के नेताओं पर सवाल उठाने वाले घनश्याम तिवाड़ी ने वैसे कच्ची गोलियां नहीं खेली हैं। वह भाजपा के आदर्श दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर बनी दीनदयाल वाहिनी के बैनर तले भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल उनके लिए दीनदयाल उपाध्याय के नाम और भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल से बेहतर कवच कुछ नहीं हो सकता।
बागी नेताओं का हुआ बुरा हश्र
हालांकि, बलराज मधाेेेक से लेकर केशुभाई पटेल, संजय जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती तक भाजपा (पहले जनसंघ) में पार्टी की नीतियों और नेेेेताओं पर सवाल उठाने वाले लोगों का क्या हश्र हुआ, यह किसी से छिपा नहीं है। इस उदाहरणों में गोविंदाचार्य और वरुण गांधी को भी जोड़ा जा सकता है। ऐसे में घनश्याम तिवाड़ी जिस तरह के तेवर अपना रहे हैं, वह कम जोखिम भरा नहीं है।
जयपुर से शुरू होगा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन
रविवार को अपने आवास पर जुटे समर्थकों को सम्बोधित करते हुए तिवाड़ी ने यहां तक कह डाला कि जेपी आन्दोलन की शुरूआत गांधीनगर गुजरात से हुई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के इस आन्दोलन की शुरूआत जयपुर से होगी। उन्होंने युवाओं से कहा कि भ्रष्टाचारी सरकार के खिलाफ किसी से डरने और घुटने टेकने की जरूरत नहीं है।
वसुंधरा सरकार केे लिए सिरदर्द बने तिवाड़ी
गौरतलब है कि पिछले दिनों राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में भी घनश्याम तिवाडी ने अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा और कई मसलों पर वसुंधरा सरकार के लिए परेशानी तक खडी कर दी। दीनदयाल वाहिनी के बैनल तले उन्होंने राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई रैलियां निकाली और कई बार प्रतिपक्ष दलों के साथ मंच भी साझा किया।
- एजेंसी इनपुट