सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पार्टी मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता सम्मेलन में शाह असम में मिली जीत से उत्साहित नजर आ रहे थे। इसी को लेकर जब उनसे यह सवाल किया गया कि जिस प्रकार असम में मुख्यमंत्री का चेहरा आगे करके चुनाव लड़ा गया तब पार्टी को जीत मिली जबकि बिहार में कोई चेहरा आगे नहीं था इसलिए हार हुई। इस सवाल पर शाह का गोलमोल जवाब था कि अभी कुछ भी तय नहीं है। वैसे भी पार्टी उत्तर प्रदेश के मामले में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है।
पार्टी अध्यक्ष को इस बात का पूरा भरोसा है कि जिस प्रकार भाजपा का जनाधार बढ़ा है वैसे में पार्टी उत्तर प्रदेश में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के मुताबिक पार्टी कोई नाम तय नहीं कर पा रही है कि किसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही आगे करके पार्टी चुनाव मैदान में उतरने का मन बना रही है। इसके साथ ही पार्टी प्रदेश के क्षेत्रीय दलों से भी गठबंधन करने का मन बना रही है। शाह ने इशारा भी किया कि प्रदेश के कुछ दलों से चर्चा हो रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अपना दल के साथ गठबंधन किया था। ऐसे में उम्मीद है कि राज्य के कुछ और क्षेत्रीय दल भाजपा के साथ जुड़ सकते हैं।