प्रस्ताव में कहा गया है कि हम प्रधानमंत्री को ऐतिहासिक, साहसी, गरीबोन्मुखी और राष्ट्र के हित में लिए गए इस निर्णय के लिए बधाई देते हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने का निर्णय अंत नहीं बल्कि कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत और सतत लड़ाई की शुरुआत है। संसदीय पार्टी की बैठक में भाजपा के सभी सांसदों को बुलाया गया था ताकि नोटबंदी के विभिन्न आयामों के बारे में उन्हें बताया जा सके। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष संसद की कार्यवाही बाधित कर रहा है और चर्चा से भाग रहा है। उन्हें यह तय करना चाहिए कि कालाधन की बुराई के खिलाफ लड़ाई में वे किस ओर खड़े हैं।
उन्होंने कहा, इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर इन दलों को यह तय करना चाहिए कि वे किधर खड़े हैं। क्या वे ऐसे लोगों के साथ खड़े हैं जो कालेधन की जमाखोरी कर रहे हैं या उनका संरक्षण कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान वित्त मंत्रा अरुण जेटली ने भी पार्टी सदस्यों को संबोधित किया और सरकार के रूख से अवगत कराया। जेटली कहा कि पिछले 60-70 वर्षों से चले आ रहे चलन को खत्म करके प्रधानमंत्री ने नया चलन शुरू किया है। विपक्ष पर विकास का मार्ग अवरूद्ध करने का आरोप लगाते हुए जेटली ने कहा कि अब नया चलन यह है कि सभी काम सफेद लेनदेन के तहत होंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह कहते हैं कि नोटबंदी के बारे में वित्त मंत्री को भी नहीं पता था। फिर वे कहते हैं कि पार्टी के लोगों को इसके बारे में पता था। ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं। (एजेंसी)