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भाजपा ने जारी की छत्तीसगढ़ और एमपी के प्रत्याशियों की पहली सूची, कांग्रेस ने सुरजेवाला को सौंपा दायित्व

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के बीच भारतीय जनता पार्टी ने दोनों...
भाजपा ने जारी की छत्तीसगढ़ और एमपी के प्रत्याशियों की पहली सूची, कांग्रेस ने सुरजेवाला को सौंपा दायित्व

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के बीच भारतीय जनता पार्टी ने दोनों राज्यों के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी चुनावी तैयारियों के लिए कमर कसते हुए संगठनात्मक बदलाव किया है और रणदीप सुरजेवाला को एमपी विधानसभा चुनाव का दायित्व दिया है।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ के लिए 21 और एमपी के लिए 39 उम्मीदवारों की घोषणा की है। बता दें कि इसी साल के अंत में दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा हेतु जारी सूची में पांच महिला उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं जिनमें लक्ष्मी राजवाड़े, शकुंतला सिंह पोर्थे, सरला कोसरिया, अलका चंद्राकर और गीता घासी साहू शामिल हैं।

इस सूची में दुर्ग के सांसद विजय बघेल का नाम भी शामिल है - जो वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दूर के भतीजे हैं। विजय बघेल पाटन सीट से सीएम बघेल के खिलाफ़ चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने पहले दुर्ग सांसद को, जो 2000 तक कांग्रेस में थे, अपनी घोषणापत्र समिति के प्रभारी के रूप में नामित किया था, जो 30 नेताओं के एक समूह का नेतृत्व कर रहे थे।

इसी बीच, भाजपा ने 230 सदस्यों वाली एमपी विधानसभा के लिए 39 प्रत्याशी घोषित किए हैं। पार्टी ने इंदौर जिले के अपने अध्यक्ष राजेश सोनकर को देवास जिले की सोनकच्छ सीट से टिकट दिया है। पूर्व मंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा सोनकच्छ सीट से मौजूदा विधायक हैं। 2013 के राज्य विधानसभा चुनावों में, भाजपा नेता सोनकर ने इंदौर जिले की सांवेर सीट से तुलसी राम सिलावट (अब जल संसाधन मंत्री) को हराया था, जब सिलावट कांग्रेस में थे।

पिछले 2018 विधानसभा चुनावों में, सोनकर उसी सांवेर सीट से सिलावट (जब वह कांग्रेस में थे) से हार गए। लेकिन बाद में 2020 में, सिलावट ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद सिलावट ने बीजेपी के टिकट पर सांवेर सीट से उपचुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए।

वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के खेमे ने एक संगठनात्मक बदलाव किया और अपने महासचिव रणदीप सुरजेवाला को मध्य प्रदेश का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, जहां भाजपा सत्ता में है। एआईसीसी ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने मुकुल वासनिक को गुजरात और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला को मध्य प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया है।"

बता दें कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा को हराकर सत्ता में आई कांग्रेस की जीत की कहानी भी रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में लिखी गई। इस जीत के दौरान वह कर्नाटक के प्रभारी थे। गौरतलब है कि, सुरजेवाला को सीएम सिद्धारमैया और कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच के बेहतर समन्वय का मुख्य कारण भी कहा गया। इसलिए, एमपी में सुरजेवाला को दायित्व मिलना बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।

एक दूसरे बदलाव में, कांग्रेस ने पूर्व विधायक अजय राय को अपनी उत्तर प्रदेश इकाई का प्रमुख नियुक्त किया है, जबकि पार्टी के महासचिव मुकुल वासनिक को गुजरात का नया प्रभारी बनाया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी की लिस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ''इसमें कोई खास बात नहीं है।''

सीएम बघेल ने कहा, "मुझे पता चला कि उन्होंने (भाजपा) 21 उम्मीदवारों की पहली सूची (आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए) जारी कर दी है, लेकिन सूची में कुछ खास नहीं है।" भाजपा ने राज्य में अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कर्नाटक में अपने उम्मीदवारों की सूची देर से घोषित की थी। पार्टी दक्षिणी राज्य में चुनाव हार गई।

इसके साथ ही बीजेपी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली पहली राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पहली सूची की जल्द घोषणा को उम्मीदवारों को प्रचार के लिए अधिक समय देने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में जिन 21 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की गई है उनमें से 11 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं, जबकि शेष 10 सीटें सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए हैं। इसी तरह, मध्य प्रदेश में जिन 39 सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से 21 सीटें एसटी/एससीएस के लिए आरक्षित हैं।

यह घोषणा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की चुनाव तैयारियों के संबंध में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में चर्चा के एक दिन बाद आई। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के पार्टी नेताओं से "कमजोर सीटों" पर ध्यान केंद्रित करने और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के साथ संवाद जारी रखने को कहा।

पांच राज्यों - छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम - में इस साल के अंत तक चुनाव होंगे।

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