पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा पर कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले के खिलाफ भाजपा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की लेकिन कोर्ट ने फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया।
इससे पहले शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के रथयात्रा को मंजूरी देने के फैसले को खारिज कर दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने सिंगल बेंच के उस आदेश को डिविजन बेंच में चुनौती दी थी।
चीफ जस्टिस देबाशीष कारगुप्ता और जस्टिस शंपा सरकार की डिविजन बेंच ने मामले को वापस सिंगल बेंच को भेजते हुए कहा था कि वह फिर से इस पर विचार करे। साथ ही कहा था कि विचार करते समय राज्य सरकार की ओर से दी गई खुफिया जानकारी को ध्यान में रखे।
ममता सरकार ने लगा दी थी रोक
पिछले दिनों भाजपा की रथ यात्रा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद भाजपा ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि भाजपा रथ यात्रा के माध्यम से राज्य में अशांति फैलाने का काम कर रही है।
भाजपा को निकालनी थी तीन रथयात्राएं
भाजपा को पश्चिम बंगाल में कुल तीन रथयात्राएं निकालनी थीं। इनमें पहली 7 दिसंबर को कूचबिहार से, दूसरी 9 दिसंबर को 24 परगना से और तीसरी 14 दिसंबर को बीरभूमि से, लेकिन पहले पश्चिम बंगाल सरकार की मनाही और फिर हाई कोर्ट की रोक के कारण यात्रा निकल ही नहीं पाई। इस यात्रा में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह को भी शामिल होना था।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी पैठ बढ़ाना चाह रही है। पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं। 2014 में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 34 सीटों पर और भाजपा ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी।