बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लोकसभा चुनाव 2019 में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ऐलान किया कि भाजपा और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि एलजेपी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीट बंटवारे को लेकर दिल्ली में अमित शाह के घर बैठक हुई। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री व लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर पर मौजूद रहे।
हम बिहार में विकास के लिए प्रतिबद्ध: नीतीश कुमार
2019 के आम चुनावों के लिए सीट बंटवारे की घोषणा के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा “हम बिहार में विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी राय है कि राम मंदिर मामले को अदालत के फैसले के जरिए हल किया जाना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए 2019 में 2014 की तुलना में ज्यादा सीटें ले आएगी।
राज्यसभा भेजे जाएंगे पासवान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीट शेयरिंग में यह भी तय किया गया कि एनडीए की तरफ से एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान राज्यसभा भेजे जाएंगे। इस दौरान सीट शेयरिंग पर रामविलास पासवान ने कहा, मैं अमित शाह, जेटली जी, नीतीश कुमार और चिराग को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने सीट बंटवारे पर फैसला कराया। एनडीए अगली बार दोबारा सत्ता में आएगी।
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच सीटों पर सहमति के बाद शनिवार को इसकी घोषणा होनी थी, लेकिन इसको रविवार तक के लिए टाल दिया गया।
पासवान को मनाने में हुई परेशानी
गौरतलब है कि शुक्रवार को खबरें आई थी कि राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी सीटों के बंटवारे को लेकर राजी हो गई थी। शुक्रवार को राम विलास पासवान ने अपने बेटे चिराग पासवान के साथ वित्तमंत्री अरुण जेटली से इस वजह से मुलाकात की थी। इससे पहले एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने एनडीए में सीट शेयरिंग की तस्वीर साफ न होने पर अपना असंतोष जाहिर करते हुए इसे जल्द करने के लिए कहा था। पार्टी की ओर से 31 दिसंबर तक का अल्टिमेटम दिया गया था। बिहार में गठबंधन को बचाने और एलजेपी को मनाने के लिए खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आगे आना पड़ा। उन्होंने पासवान पिता-पुत्र से मिलकर मामले पर चर्चा की थी।
सीट शेयरिंग पर तेजस्वी का तंज
सीट शेयरिंग तय होने के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि जनादेश चोरी के बाद भी भाजपा बिहार में इतनी मजबूत हुई कि 22 वर्तमान सांसद होने के बावजूद 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी और 2 एमपी वाले नीतीश जी भी 17 सीट पर लड़ेंगे। अब समझ जाइए एनडीए के कितने पतले हालात हैं।