केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया कि इस बार के लोकसभा चुनावों में भाजपा 2014 से ज्यादा सीटें जीतेगी और एनडीए को दो तिहाई बहुमत मिलने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं दो बार पार्टी का अध्यक्ष रहा हूं और मेरा आकलन है कि इस बार भाजपा फिर से सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता ने उम्मीद के साथ 2014 में नरेंद्र मोदी को चुना था और यह उम्मीद 5 साल सत्ता चलाने के बाद उनके विश्वास में बदल चुकी है। राजनाथ ने कहा कि देश के कई हिस्सों में मुझे अंडर करंट दिखाई दिया है। लोगों का मानना है कि हमारी सरकार ने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया है और देश की जनता फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है।
'विपक्ष का पीएम उम्मीदवार कौन'
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष लगातार यह दावा कर रहा है कि वह सरकार बनाएंगे लेकिन देश की स्वस्थ्य लोकतांत्रिक परंपरा में लोगों को यह पता होना चाहिए कि उनका पीएम उम्मीदवार कौन हैं। पिछली बार मोदी बना सोनिया गांधी व मनमोहन सिंह के बीच चुनाव लड़ा गया था लेकिन इस बार मोदी के खिलाफ कौन है पता ही नहीं। विपक्ष देश की जनता को अंधेरे में रख रहा है क्योंकि वह नहीं बता पाए हैं कि अगर उनकी सरकार बन रही है तो उसका का नेतृत्व कौन कर रहा है। इसमें लुकाछिपी का खेल नहीं चलना चाहिए।
'महंगाई नहीं बना मुद्दा'
राजनाथ ने कहा कि इस चुनाव में महंगाई मुद्दा नहीं है। 2004 में जब अटल जी चुनाव लड़े थे और 2019 में जब मोदी जी मैदान में है दोनों ही बार महंगाई चुनाव में मुद्दा नहीं है जबकि आजादी के बाद से हर चुनाव में बढ़ती महंगाई अहम मुद्दा रही है। यह सरकार के कुशल आर्थिक प्रबंध का नतीजा है। साथ ही सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई कदम उठाए। आतंकवाद के मुद्दे पर भी सरकार ने कई फैसले लिए।
'संस्थाओं की गरिमा जरूरी'
उन्होंने कहा कि इन चुनावों में पीएम मोदी पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए और गाली दी गई। इसका ध्यान लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियों को नहीं बल्कि लोगों को भी रखना चाहिए। संस्थाओं की गरिमा कमजोर होने से लोकतंत्र कमजोर होता है। गृहमंत्री ने कहा कि मणिशंकर ने जिस तरह अपशब्दों का प्रयोग किया था तो उन्हें कांग्रेस ने पार्टी से बाहर कर दिया था लेकिन आज उन्होंने बेवसाइट पर लिखे लेख में इसे सही कहा है। इस पर कांग्रेस बताए कि उसकी क्या प्रतिक्रिया है।
'ममता हिंसा रोकने में नाकाम रहीं'
पश्चिम बंगाल में छठे चरण में हिंसा की घटना पर गृहमंत्री ने कहा कि सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन्हें रोकने में असफल रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है कि सूबे की मुखिया ममता बनर्जी इन हिंसाओं को रोकने में असफल रही हैं।