भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार की सुबह 9 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल वजूभाई वाला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा ने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली है। बता दें कि राज्यपाल ने बुधवार की शाम बीएस येदियुरप्पा को नई सरकार गठित करने और गुरुवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया था। येदियुरप्पा को 15 दिन में बहुमत साबित करना होगा।
इससे पहले सरकार बनाने को लेकर मचे हंगामे पर सुप्रीम कोर्ट में सुबह 4:20 बजे तक सुनवाई चली। कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यपाल वजूभाई वाला की ओर से भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने के फैसले के खिलाफ अर्जी लगाकर उस पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस फैसले पर रोक से मना कर दिया। इसके बाद येदियुरप्पा ने गुरुवार को सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
#WATCH Live from Bengaluru: BS Yeddyurappa takes oath as Karnataka Chief Minister https://t.co/8wqUptkkvV
— ANI (@ANI) May 17, 2018
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे की सुनवाई कल सुबह 10:30 कर सकता है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा से बहुमत के लिए जरूरी विधायकों की संख्या वाली सूची मांगी है।
भाजपा विधानसभा चुनाव में 104 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन दे दिया है। दोनों बहुमत हासिल करने का दावा कर रहे हैं। कर्नाटक के राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया है। 15 दिन में उन्हें बहुमत साबित करना होगा। बुधवार की शाम राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता भेजा। इस मामले में कांग्रेस-जेडीएस ने रात 11 बजे अर्जी लगाकर तुंरत सुनवाई की मांग की। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने तीन जजों की बेंच बनाई। इस पर सुनवाई देर रात 02:10 बजे शुरू हुई और सुबह 4:20 तक चली। जेडीएस और कांग्रेस ने राज्यपाल को 117 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था। इसमें 78 कांग्रेस, 37 जेडीएस, एक बसपा और एक निर्दलीय विधायक के हस्ताक्षर हैं।
कर्नाटक में 222 सीटों पर मतदान हुआ था। बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन चाहिए। जबकि भाजपा के पास सिर्फ 104 विधायक हैं।