राज्यसभा उपसभापति पद के लिए बी के हरिप्रसाद संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। इससे पहले एनसीपी की वंदना चव्हाण के नाम पर भी चर्चा जोरों पर थी। वहीं एनडीए ने जेडीयू के सांसद हरिवंश को उम्मीदवार बनाया है। उपसभापति के लिए नौ अगस्त को चुनाव होना है।
राज्यसभा में हुई बैठक के बाद वंदना चव्हाण के नाम की चर्चा जोरों पर थी लेकिन एनसीपी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। विपक्ष ने उम्मीदवार चुनने का अधिकार कांग्रेस को दिया था। बी के हरिप्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं तथा कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य हैं। बाद में बी के हरिप्रसाद ने कहा कि काफी विचार विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया। हम सभी विपक्षी दलों के नेताओं से बात करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए एनडीए ने जेडीयू सांसद हरिवंश को चुना है। पहले ऐसी खबरें थीं कि एनडीए के दो सहयोगी अकाली दल और शिवसेना हरिवंश के नाम को लेकर खुश नहीं थे और वो राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में गैर-हाजिर रह सकते है लेकिन बाद में अकाली दल ने नेताओं ने कहा कि उन्हें हरिवंश के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है तथा शिवसेना ने भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का मन बना लिया।
पूर्व उपसभापति पीजे कुरियन का कार्यकाल जून में खत्म होने के बाद से राज्यसभा में उपसभापति का पद खाली है। पी जे कुरियन केरल से कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा के लिए चुनकर आए थे।
नंबर जुटाना चुनौती
इस चुनाव में एनडीए और यूपीए के पास नंबर जुटा पाना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि दोनों ही पक्षों के पास जीत के लिए जरुरी आंकड़े नहीं है। चुनाव के जरिए विपक्ष की एकजुटता भी दिखेगी जिसके चलते नंबर जुटाने के लिए जोड़तोड़ का खेल भी शुरू हो गया है।
राज्यसभा में वर्तमान में 244 सांसद ही वोट करने की स्थिति में हैं। ऐसे में किसी भी दल को जीतने के लिए 123 सीटें मिलनी जरूरी हो जाती हैं। राज्यसभा में एनडीए के पास 115 सीटें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा भाजपा के पास 73 सीटें हैं। वहीं, यूपीए के पास 113 सीटें हैं जिनमें कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 50 सीटें हैं। वहीं अन्य दलों के पास राज्यसभा में 16 सीटें हासिल हैं, इनमें सबसे ज्यादा नौ सीटें बीजेडी के पास हैं।