अगले महीने होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन टूट गया है। दिल्ली शिरोमणि अकाली दल (एसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि दिल्ली में पार्टी का स्टैंड वही है जो सुखबीर सिंह बादल का है। सीएए में सभी धर्मों को शामिल करना चाहिए। हम दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ेंगे।
अकाली दल के नेता मजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि भाजपा और अकाली दल के पुराने रिश्ते रहे हैं। सुखबीर बादल ने जो सीएए को लेकर जो स्टैंड लिया। उस पर बात बार-बार चर्चा होती रही कि अकाली दल को अपने रूख पर पुनर्विचार करना चाहिए। इसलिए हमने दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है।
एक धर्म को बाहर रखने की कभी नहीं की मांग
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का मानना है कि एनआरसी को लागू नहीं किया जाना चाहिए। हमने सीएए का स्वागत किया है लेकिन हमने कभी यह मांग नहीं कि किसी एक धर्म को इससे बाहर रखा जाए। सिरसा ने कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसा कोई कानून नहीं होना चाहिए जो लोगों को कतारों में खड़ा करे और उनकी साख को साबित करे। यह एक महान राष्ट्र है और सांप्रदायिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।
भाजपा बची दस सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार
इसके बाद भाजपा ने बची दस सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दो सीटें जेडीयू और एक एलजेपी के लिए छोड़ी जाएगी। बाकी दस सीटों पर पार्टी जल्द ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेगी।
बता दें कि हरियाणा चुनाव के समय अकाली दल के विधायक बलकौर सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने तब भाजपा पर सत्ता की ताकत का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।