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प. बंगाल: अमित शाह की रथ यात्रा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार ने कहा- माहौल बिगड़ने का डर

पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने से कलकत्ता हाईकोर्ट ने...
प. बंगाल: अमित शाह की रथ यात्रा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार ने कहा- माहौल बिगड़ने का डर

पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने से कलकत्ता हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। 9 जनवरी, 2019 को अगली सुनवाई तक यात्रा पर रोक लगा दी गई है। यह रथ यात्रा कूचबिहार से प्रस्तावित थी।

इससे पहले राज्य सरकार ने यह कहते हुए रथ यात्रा पर रोक लगाई थी कि इससे सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। राज्य सरकार के महाधिवक्ता (एजी) ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार से बीजेपी अध्यक्ष की प्रस्तावित रथ यात्रा को अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

तीन रथ यात्राओं का है कार्यक्रम

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह का राज्य में पार्टी की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ आयोजित करने का कार्यक्रम है जिसमें तीन ‘रथ यात्राएं’ शामिल हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि इस यात्रा से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। दत्ता ने कहा कि जिला में सांप्रदायिक मुद्दों का एक इतिहास रहा है और वहां से ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं। पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा अनुमति देने से इनकार करने संबंधी पत्र में उल्लेख किया गया है कि बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लोग कूचबिहार आएंगे। पत्र में जोर दिया गया है कि इससे जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है।

भाजपा ने कहा, शांतिपूर्ण होगी रथ यात्रा

जमीनी स्थिति को देखते हुए अनुमति देने से इनकार करने को एक प्रशासनिक निर्णय बताते हुए एजी ने कहा कि इसके संवेदनशील प्रकृति के कारण आशंका का ब्यौरा खुले अदालत में नहीं बताया जा सकता। एजी ने कहा कि अगर निर्देश दिया जाता है तो वह एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को यह सौंप सकते हैं। बीजेपी ने न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की पीठ को बताया कि वह शांतिपूर्ण यात्रा करेगी। बीजेपी अपनी तीन रैलियों के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने की मांग को लेकर अदालत गई है। इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जवाब में बीजेपी के वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि पार्टी एक शांतिपूर्ण रैली आयोजित करेगी लेकिन कानून और व्यवस्था को बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

'अक्टूबर में ही राज्य प्रशासन से किया था संपर्क'

मित्रा ने कहा कि संविधान राजनीति कार्यक्रम आयोजित करने के अधिकार की गारंटी देती है। उन्होंने कहा कि अप्रिय स्थिति की धारणा के आधार पर इनकार नहीं किया जा सकता है। न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वह इसे स्थगित करने के लिये तैयार हैं। इस पर बीजेपी के वकील ने नकारात्मक जवाब दिया और कहा कि इसकी तैयारी लंबे समय से जारी है और अनुमति के लिए अक्टूबर में ही प्रशासन से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक आवेदन रखने के बाद उन्होंने अब अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

7 दिसंबर से अभियान शुरू करने का कार्यक्रम

अनुमति से इनकार का विरोध करने वाले बीजेपी के पूरक हलफनामे का भी महाधिवक्ता ने विरोध किया और कहा कि या तो एक नई याचिका दायर की जा सकती है या इसी याचिका में संशोधन किया जा सकता है। बीजेपी का सात दिसंबर से उत्तर में कूचबिहार से अभियान शुरू करने का कार्यक्रम है। इसके बाद नौ दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिला और 14 दिसंबर को बीरभूमि जिले में तारापीठ मंदिर से बीजेपी का रथ यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम है।

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