कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की तीन प्रस्तावित रथ यात्राओं को मंजूरी दे दी है। हालांकि कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन न हो। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट में रथ यात्राओं की वजह से साम्प्रदायिक सौहार्द्र भंग होने का हवाला दिया था, जिसकी वजह से अदालत की एक पीठ ने यात्राओं पर रोक लगा दी थी।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं और हमें न्यायव्यवस्था पर पूरा भरोसा था कि हमें न्याय मिलेगा। यह फैसला उत्पीड़न के मुंह पर तमाचा है। हमने अभी तक कुछ तय नहीं किया है लेकिन मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष यात्रा में शामिल होंगे।
भाजपा ने रथ यात्रा पर रोक लगाने का किया था विरोध
वहीं, भाजपा के वकील एसके कपूर ने आरोप लगाया था कि इसके लिए इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित था और इसका कोई आधार नहीं था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया और किसी ने उन्हें नहीं रोका लेकिन अब यहां सरकार कहती है कि वह एक राजनीतिक रैली निकालने की इजाजत नहीं देगी। कपूर ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार ने अपने दावे के समर्थन में कोई वस्तुनिष्ठ तथ्य नहीं रखा है और वह रैली करने से एक रजनीतिक दल को रोक रही है जबकि संविधान यह अधिकार देता है।
राज्य सरकार ने यात्राओं को बताया था सांप्रदायिक
महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को एक सीलबंद रिपोर्ट सौंपी थी और कहा था कि भाजपा की विवरणिका में यात्रा को प्रकाशित करना साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील प्रकृति का है। उन्होंने दलील दी कि प्रशासनिक फैसले में अदालत के पास न्यायिक समीक्षा करने का सीमित दायरा है। उन्होंने कहा कि 2017 से पश्चिम बंगाल में विभिन्न राजनीतिक रैलियों और सभाओं के लिए 2,100 इजाजतें दी गईं लेकिन इस मामले में अंदेशे के चलते रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी गई।
राज्य की पुलिस की ओर से पेश हुए अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने दलील दी थी कि भाजपा की रथ यात्रा की व्यापकता को लेकर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा कुछ जिलों में सभाएं कराना चाहती है तो इसकी इजाजत दी जा सकती है लेकिन इतने व्यापक स्तर की रैलियों को मंजूरी नहीं दी जा सकती। भाजपा के वकील एसके कपूर ने कहा कि इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित और बेबुनियाद था। उन्होंने दावा किया कि यह पुलिस राज में लौटने जैसा है।
कूचबिहार से रथयात्रा शुरू करने वाले थे अमित शाह
छह दिसंबर को अदालत की एक एकल पीठ ने भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया था, जिसका भाजपा प्रमुख अमित शाह सात दिसंबर को उत्तर बंगाल स्थित कूच बिहार में हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ करने वाले थे। इसके बाद सात दिसंबर को खंड पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को भाजपा के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने तथा 14 दिसंबर तक यात्रा पर एक फैसला करने को कहा था। राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय टीम के साथ वार्ता के बाद रथ यात्रा की इजाजत देने से 15 दिसंबर को इनकार करते हुए यह आधार बताया था कि इससे साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है।