विज ने कहा कि आंदोलन नेतृत्वहीन है और भीड़तंत्र प्रबल है। इस वक्त चल रहा आंदोलन नेतृत्वहीन बन गया है। यह भीड़तंत्र के समान हो गया है। सरकार के साथ बातचीत के लिए जाटों को तत्काल एक समिति का गठन करना चाहिए। भीड़ के साथ हमलोग बात नहीं कर सकते हैं। जाट अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं और खट्टर सरकार की ओर से हाल में दिए गए विशिष्ट पिछड़ा वर्ग कोटा को उन्होंने खारिज कर दिया।
विज ने कहा कि भाजपा सरकार जाटों को ओबीसी कोटा देने के लिए प्रतिबद्ध है। विज ने बताया, हमारी सरकार चाहे वह राज्य की हो या केंद्र की, वह जाटोें को ओबीसी कोटा देने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अब फैसला जाटों को करना है कि वे हमें समय देना चाहते हैं या नहीं ताकि हमलोग कुछ ठोस लेकर आ सकें जिसे कि बाद में अदालतें खारिज नहीं करें। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जाटों और अन्य चार जातियों को विशिष्ट पिछड़ा वर्ग यानी एसबीसी कोटा में शामिल किया था। लेकिन, बाद में इसे अदालतों ने खारिज कर दिया।