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चंद्रबाबू नायडू को भेजा गया राजमुंदरी सेंट्रल जेल, टीडीपी ने राज्य में बुलाया बंद

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को विजयवाड़ा की एक अदालत द्वारा कौशल विकास...
चंद्रबाबू नायडू को भेजा गया राजमुंदरी सेंट्रल जेल, टीडीपी ने राज्य में बुलाया बंद

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को विजयवाड़ा की एक अदालत द्वारा कौशल विकास घोटाले के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सोमवार तड़के राजमुंदरी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

कड़ी सुरक्षा के बीच, अपराध जांच विभाग (सीआईडी) तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो को सड़क मार्ग से विजयवाड़ा से राजमुंदरी ले गई। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए पूर्वी गोदावरी जिले के पुलिस अधीक्षक पी. जगदीश ने कहा कि चंद्रबाबू नायडूदेर रात करीब 1:20 बजे जेल लाया गया। पुलिस ने जेल के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।

दरअसल, चंद्रबाबू को जेड-प्लस सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए जेल के अंदर उन्हें एक अलग कमरा दिया गया है, अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान घर का बना खाना खाने की भी अनुमति दी है।

 

इस बीच टीडीपी के प्रदेश अध्यक्ष के. अत्चन नायडू ने आज राज्य में बंद का आह्वान किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बंद का आह्वान चंद्रबाबू नायडू की 'अवैध' गिरफ्तारी, टीडीपी कैडरों पर क्रूर हमलों और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की प्रतिशोध की राजनीति के विरोध में है। टीडीपी नेता ने लोगों, जन संगठनों और लोकतंत्र में विश्‍वास रखने वाले सभी लोगों से लोकतंत्र को बचाने के लिए बंद में स्वेच्छा से भाग लेने की अपील की है।

 

इससे पहले 10 सितंबर की सुबह, उन्हें विजयवाड़ा की एसीबी  कोर्ट में पेश किया गया, जहां जस्टिस हिमा बिंदू ने सरकार और टीडीपी प्रमुख का प्रतिनिधित्व करने वाले कानूनी सलाहकारों की दलीलें सुनीं। इस बीच, एनटीआर कमिश्नरेट पुलिस ने एसीबी स्पेशल कोर्ट में सुरक्षा कड़ी कर दी थी। नायडू का प्रतिनिधित्व सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्दार्थ लूथरा और वकीलों की एक टीम कर रही है।

रविवार, 10 सितंबर तड़के चंद्रबाबू को 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद मेडिकल टेस्ट के लिए विजयवाड़ा के एक अस्पताल में ले जाया गया था। इसके बाद उन्हें एसआईटी ऑफिस भेज दिया गया।

 

चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के अनुसार, यह मामला आंध्र प्रदेश राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के समूहों की स्थापना से संबंधित है, जिसका कुल अनुमानित परियोजना मूल्य 3300 करोड़ रुपये है।

एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हुआ है। सीआईडी के अनुसार, जांच में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं, जैसे कि निजी संस्थाओं द्वारा किसी भी खर्च से पहले, तत्कालीन राज्य सरकार ने 371 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि प्रदान की, जो सरकार की पूरी 10 प्रतिशत प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।

 

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