कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच के गैप को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उऩ्होंने कहा है कि वो कोई एक्सपर्ट नहीं है लेकिन जैसा सीधा सब दिख रहा है, वैसा नहीं है। कांग्रेस नेता ने डॉक्टरों और वैज्ञानिकों से भी सरकार के दबाव में ना आते हुए वैक्सीन को लेकर हकीकत बयां करने को कहा है।
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने शनिवार को कहा, यूके घोषणा कर रहा है कि वे वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर आठ सप्ताह का ही रखेंगे। कम से कम 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए तो दो खुराकों में 8 सप्ताह से ज्यादा का अंतर नहीं होगा। वहीं इस समय हमारी सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक के बीच का अंतर बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मैं वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों को गलत नहीं कह रहा हूं, मेरी उनसे विनम्र अपील है कि कृपया सरकार का खेल ना खेलें। सरकार एक जाल बिछा रही है, अच्छा होगा तो सरकार श्रेय ले लेगी और कुछ कमी हुई तो वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और मेडिकल एक्सपर्ट पर सरकार सारा दोष डाल देगी। मेरी सभी वैज्ञानिकों से अपील है कि सरकार की परवाह किए बिना सच बोलें, सरकार की भाषा ना बोलकर बताएं कि स्वतंत्र रूप से आप क्या समझते हैं।
लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारियों द्वारा संसद की स्थायी समितियों की बैठक डिजिटल माध्यम से कराए जाने से इनकार करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि वह उनके फैसले से निराश हैं क्योंकि महामारी पर चर्चा करना सरकारी या रक्षा से जुड़ा कोई गोपनीय मुद्दा नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि महामारी के दौरान स्थायी समितियों की बैठकों की अनुमति देने के लिए संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों पर जनता की तरफ से दबाव बनाना चाहिए।