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दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल के घर की मरम्मत पर करोड़ों रुपये के खर्च पर एलजी का एक्शन, 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट

राजधानी दिल्ली उपराज्यपाल (एल-जी) विनय कुमार सक्सेना और प्रदेश की केजरीवाल सरकार के बीच एक बार फिर...
दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल के घर की मरम्मत पर करोड़ों रुपये के खर्च पर एलजी का एक्शन, 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट

राजधानी दिल्ली उपराज्यपाल (एल-जी) विनय कुमार सक्सेना और प्रदेश की केजरीवाल सरकार के बीच एक बार फिर तकरार होने की संभावना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के मरम्मत पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने को लेकर उपजे विवाद के बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को खर्चे का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया है और 15 दिनों के भीतर इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है।

बता दें कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक आवास की मरम्मत में करोड़ों रुपये खर्च किये हैं। भाजपा का आरोप है कि इस मद में करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।

इस पर आम आदमी पार्टी (आप) ने पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा इस मामले को उठाकर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। 27 अप्रैल को जारी एक राज निवास आदेश में पीडब्ल्यूडी द्वारा आवास के नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था।

एलजी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आधिकारिक आवास की मरम्मत से संबंधित रिकॉर्ड की जांच करने और उस पूरे मामले पर 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। एलजी कार्यालय द्वारा जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।

एलजी कार्यालय की ओर से कहा गया है कि मुख्य सचिव को मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड को तुरंत सुरक्षित करने का निर्दश दिया गया है। उसके बाद रिकॉर्ड की जांच के बाद मामले पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर पेश करने के लिए कहा गया है। बता दें कि इस तरह के आरोप सामने आने के बाद मीडिया की रिपोर्ट पर उपराज्यपाल ने यह कार्रवाई की है।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा कि एलजी द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर की मरम्मत पर खर्च हुए 45 करोड़ रुपए के दस्तावेज और 15 दिनों में रिपोर्ट मांगने का फैसला स्वागत योग्य है। इस मामले में जांच होनी बहुत जरूरी थी, ये जनता के टैक्स का पैसा है। जांच शुरू हो गई है तो अब दूध का दूध पानी का हो ही जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मामला 45 करोड़ तक ही नहीं है। जैसे सीएम आवास में 8 फ्लैट्स और 2 बंगलों को मिलाने का काम किया गया तो ये 100/150 करोड़ का मामला हो सकता है। अरविंद केजरीवाल को माफी मांगनी ही होगी।

वहीं, संजय सिंह और राघव चड्ढा सहित आप नेताओं ने प्रधानमंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आवासों पर खर्च का हवाला देते हुए केजरीवाल का बचाव किया है।

सूत्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि 43.70 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के मुकाबले कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर उनके सरकारी आवास के "जोड़ने/बदलने" पर खर्च किए गए थे।

दस्तावेजों में दिखाया गया है कि यह राशि 9 सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच छह खाइयों में खर्च की गई थी। दस्तावेजों के मुताबिक, कुल खर्च में 11.30 करोड़ रुपये इंटीरियर डेकोरेशन, 6.02 करोड़ रुपये स्टोन और मार्बल फ्लोरिंग, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी, 2.58 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स और अप्लायंसेज, 2.85 करोड़ रुपये फायर फाइटिंग सिस्टम, 2.85 करोड़ रुपये शामिल हैं। वार्डरोब और एक्सेसरीज फिटिंग पर 1.41 करोड़, और किचन अप्लायंसेज पर 1.1 करोड़ रुपये।

इसमें दिखाया गया है कि 9.99 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि में से 8.11 करोड़ रुपये अलग से मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास स्थित कैंप कार्यालय पर खर्च किए गए।

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